‘हमें मणिपुर पर बोलने से रोका गया, एनडीए सांसद का गंभीर आरोप
भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के एक सांसद ने मणिपुर मुद्दे को लेकर बड़ा बयान दिया है। एनपीएफ सांसद लोर्हू पफोज ने कहा, “हमें मणिपुर के मुद्दे पर संसद में बोलने से रोका गया।” पफोज ने कहा, ”हम संसद में मणिपुर पर चर्चा करना चाहते थे लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने हमें अनुमति नहीं दी।” उन्होंने कहा कि हां, हम बीजेपी के सहयोगी हैं लेकिन हमें अपने लोगों के लिए भी बोलना होगा।
जब पफोज से पूछा गया कि उन्हें किसने रोका है, तो उन्होंने कहा, ‘हमारे हाथ बंधे हुए हैं, हम बीजेपी के सहयोगी हैं, इसलिए हमें कुछ आदेशों का पालन करना होगा।’ भाजपा ने मणिपुर में, यहां तक कि पहाड़ी इलाकों में भी बहुत काम किया है, लेकिन हाल ही में जिस तरह से इस मुद्दे को संभाला गया है वह गलत है।
राहुल गांधी की तारीफ करते हुए पफोज ने कहा, ”राहुल गांधी हमारे विपरीत खेमे से हैं लेकिन जिस तरह से वह मणिपुर गए और लोगों से मिले, मैं बहुत प्रभावित हुआ। इस समय इसकी जरूरत है। मैं अभी भी मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री के ध्यान न देने से नाखुश हूं।’ हमें घायलों के ज़ख़्मों पर मरहम पट्टी करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री को मणिपुर जाकर पीड़ितों के घावों पर परहम पट्टी बांधने की ज़रुरत है।
उन्होंने कहा कि बीरेन सिंह को केंद्र ने जिस तरह से बचाया उससे मैं नाखुश हूं। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के विकास और बलात्कार पर चर्चा होनी चाहिए थी। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘मणिपुर की बात करें तो मैं सरकार के जवाबों से खुश नहीं हूं। जब हम मणिपुर की बात करते हैं तो अन्य राज्यों से तुलना क्यों करें? प्रधानमंत्री, जो मेरे नेता हैं, को आगे आना चाहिए था और उनके आंसू पोंछने चाहिए थे।”
पफोज पहले भी बिरेन सिंह सरकार को निशाना बना चुके हैं। पिछले महीने ही उन्होंने कहा था, ”मुझे लगता है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को राज्य में जो कुछ भी हो रहा है, उसकी नैतिक ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। सर्वदलीय बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि एन बीरेन सिंह को या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।