वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश, कांग्रेस ने इसे संविधान पर हमला बताया

वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश, कांग्रेस ने इसे संविधान पर हमला बताया

नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के दौरान आज भी जोरदार हंगामे के आसार है। वक्फ बोर्ड को मिली असीमित शक्तियों पर अंकुश लगाने और बेहतर प्रबंधन व पारदर्शिता के लिए सरकार ने लोकसभा में गुरुवार को विधेयक पेश किया। वहीं, विनेश मामले को लेकर भी विपक्ष सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। संसद सत्र की शुरुआत से ही इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि, सरकार कुछ बड़े कानूनों में सुधार कर सकती है। वक्फ कानून उनमें से एक है।

लोकसभा में आज पेश किए जाने वाले वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने कहा, ‘यह पहले से सरकार की मंशा रही है। भाजपा को अपना नाम बदल लेना चाहिए और इसका नाम ‘भारतीय जमीन और अपने अपने चाहेतों को बांट दो’ होना चाहिए। लोगों द्वारा दान में दी गई जमीन को छीनने वाले आप कौन होते हैं?’

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘यह विधेयक संविधान पर एक बुनियादी हमला है। इस विधेयक के जरिए वे यह प्रावधान कर रहे हैं कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हों। यह धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। आगे आप ईसाइयों के लिए जाएंगे, फिर जैन … भारत के लोग इस तरह की विभाजनकारी राजनीति को अब नहीं सहेंगे। हम हिंदू हैं लेकिन साथ ही हम अन्य धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। यह विधेयक महाराष्ट्र, हरियाणा चुनाव के लिए खास है। आप यह नहीं समझते कि पिछली बार भारत के लोगों ने स्पष्ट रूप से आपको सबक सिखाया था। यह संघीय व्यवस्था पर हमला है।’

एनसीपी (शरद गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मेरी सरकार से गुजारिश है कि या तो बिल को वापस ले लिया जाए, क्योंकि वक्फ बोर्ड को चलाने वाले लोगों से कोई सलाह नहीं ली गई है। अगर सरकार इस बिल को वापस नहीं लेना चाहती है तो कम से कम स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए। बिना किसी सलाह के एजेंडा पुश नहीं किया जाए. यहां हैरानी वाली बात ये है कि हमें सरकार के जरिए बिल के बारे में मालूम नहीं चला, बल्कि मीडिया के जरिए हमें इस संबंध में पता लगा। क्या ये सरकार के काम करने का नया तरीका है। ये संसद और सांसदों का अपमान है।

जेडीयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा कि कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल अल्पसंख्यकों की बात कर रहे हैं। इस देश में हजारों सिखों को मारने का काम किसने किया। सब जानते हैं कि ये कांग्रेस ने किया है। सड़कों पर घूम-घूमकर सिखों की हत्या की थी। इस बिल के जरिए पारदर्शिता आएगी। यही मेरा सबसे आग्रह है।

जेडीयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने बिल का बचाव करते हुए कहा कि विपक्षी सांसदों की बातों से लग रहा है कि ये कानून मुस्लिम विरोधी है। इसमें कौन सा कानून मुस्लिम विरोधी है। यहां पर मंदिर और गुरुद्वारा प्रबंधक का उदाहरण दिया जा रहा है। अगर विपक्ष को मंदिर और संस्था में अंतर नजर नहीं आ रहा है तो ये कौन सा तर्क है। वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए कानून बनाया जा रहा है। कोई धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं हो रहा है।

ललन सिंह ने कांग्रेस को हज़ारों सिखों की हत्या ज़िम्मेदार बताया, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि, उन्होंने बिहार में दो बार इसी कांग्रेस के साथ सरकार क्यों बनाई ? इसी कांग्रेस के साथ मिलकर उन्होंने “इंडिया गठबंधन” क्यों बनाया ? और फिर दोबारा एनडीए के साथ क्यों चले गए ? क्या उस वक़्त कांग्रेस सही थी जब वह कांग्रेस के साथ सत्ता की मलाई खा रहे थे? अगर कांग्रेस ने सिखों को मारने का काम किया था तो उन्होंने कांग्रेस के साथ सरकार क्यों बनाई ? कांग्रेस के साथ चुनाव क्यों लड़ा ?

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