वक़्फ़ संशोधन विधेयक खामियों से भरा हुआ है: टीडीपी

वक़्फ़ संशोधन विधेयक खामियों से भरा हुआ है: टीडीपी

जमीयत उलमा ए हिंद के ‘संविधान की रक्षा’ सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी, जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और अन्य उलेमा ने भाषण दिया। इस सम्मेलन में तेलुगु देशम के प्रतिनिधि अमीर जान सबके आकर्षण का केंद्र बने रहे, क्योंकि एनडीए सरकार में तेलुगु देशम की महत्वपूर्ण भूमिका है। एनडीए के सहयोगी तेलुगु देशम के प्रतिनिधि ने भी सम्मेलन में भाषण दिया और कड़े शब्दों में वक़्फ़ संशोधन विधेयक का विरोध किया।

टीडीपी उपाध्यक्ष नवाब जान (अमीर बाबू) ने कहा कि वक़्फ़ संशोधन विधेयक खामियों से भरा हुआ है और तेलुगु देशम इसका विरोध करेगी। उन्होंने मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, ‘वह मुसलमानों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप न करे। हम बहुत कुछ सह सकते हैं लेकिन देश को तोड़ने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’

उन्होंने यह भी कहा कि चंद्रबाबू नायडू एक सेक्युलर व्यक्ति हैं। वे हिंदुओं और मुसलमानों को समान नजरिए से देखते हैं। चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि जिस बोर्ड का जो धर्म है, उसमें उसी धर्म के लोगों का होना चाहिए। हम वक़्फ़ संशोधन विधेयक को अनुमति नहीं देंगे। नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने कहा कि वक़्फ़ संशोधन विधेयक को रद्द करने के लिए हमें आगे बढ़ना होगा। चंद्रबाबू नायडू 15 दिसंबर को आंध्र प्रदेश में जमीयत के सम्मेलन में भाग लेंगे।

इससे पहले, मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि वक्फ संपत्तियों पर सरकार की बुरी नजर है। जो संशोधन किए जा रहे हैं, वे बेहद खतरनाक हैं। अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो 400 साल पुरानी मस्जिदों, ईदगाहों, कब्रिस्तानों और अन्य वक़्फ़ संपत्तियों के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, जो असंभव है। इससे मुसलमानों की अरबों की संपत्ति को नुकसान पहुंचेगा। मौलाना अरशद मदनी ने तेलुगु देशम और जदयू को चेतावनी दी कि अगर वक़्फ़ संशोधन विधेयक संसद में पारित होता है, तो इसकी जिम्मेदारी इन दोनों पार्टियों पर होगी।

उन्होंने कहा कि जिस बैसाखी पर भाजपा सरकार टिक रही है, वह पार्टी इसके लिए जिम्मेदार होगी। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को चुनौती देते हुए कहा कि अपने बंगलों में बैठे हुए वे कभी नहीं समझ सकते कि मुसलमानों की भावनाओं का इससे कितना जुड़ाव है। जमीयत उलमा ए हिंद ने दावा किया कि 24 नवंबर को पटना में वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ एक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा जिसमें नीतीश कुमार भी हिस्सा लेंगे।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि एनडीए में शामिल पार्टियों के अलावा देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर उन्हें मुसलमानों की चिंताओं से अवगत कराया गया, जबकि एनडीए की महत्वपूर्ण पार्टी तेलुगु देशम के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के गृह जिले कडप्पा में जल्द ही एक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा जिसमें पांच लाख से अधिक मुसलमान शामिल होंगे ताकि सरकार को वक़्फ़ संशोधन विधेयक को लेकर मुसलमानों की चिंताओं से अवगत कराया जा सके।

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