विशालगढ़ हिंसा: उपद्रवियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग

विशालगढ़ हिंसा: उपद्रवियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग

मुंबई: कोल्हापुर के विशालगढ़ और ओरगजापुर में हुई हिंसा, मस्जिद और मुसलमानों की संपत्ति को निशाना बनाए जाने के खिलाफ और देश के वर्तमान हालात में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के सिलसिले को देखते हुए, मुंबई अमन कमेटी के कार्यालय में शनिवार शाम को मिल्ली संगठनों की संयुक्त बैठक बुलाई गई। बैठक का उद्देश्य आपसी सलाह-मशविरा करना और एकमत होकर इन हालात के प्रति कार्य योजना तय कर अगला कदम उठाना था। इस मौके पर यह भी बताया गया कि मिल्ली संगठनों और अन्य शख्सियतों की एक टीम विशालगढ़ गई हुई है, जो हालात का जायजा लेकर विवरण एकत्र कर रही है। वापस लौटने के बाद प्रेस कांफ्रेंस की जाएगी। बैठक में विस्तृत बातचीत एडवोकेट सतीश तळेकर ने की।

डेढ़ दो साल से ये बातें चल रही थीं
एडवोकेट सतीश तळेकर ने विवरण बताते हुए कहा कि “जिस तरह की हिंसा हुई वह बेहद शर्मनाक है। विभाजन के समय या उसके बाद भी इस प्रकार के हालात कभी पैदा नहीं हुए। कोल्हापुर जिले में पिछले डेढ़ दो साल से इस तरह की हिंसा में वृद्धि हुई है।” उन्होंने यह भी बताया कि “विशालगढ़ में सूफी संतों की दरगाहें हैं। यहां तेलंगाना, विदर्भ और अन्य क्षेत्रों से श्रद्धालु ज़ियारत के लिए आते हैं, जिसमें अधिकांश हिंदू होते हैं। किला ध्वस्त हो चुका है, किले को देखने नाममात्र लोग आते हैं, अधिकांश ज़ियारत करने वाले होते हैं।”

एडवोकेट सतीश तळेकर ने यह भी कहा कि “यह बात भी मालूम हुई है कि डेढ़ दो वर्ष पहले से कुछ हिंदुओं का कहना था कि दरगाह बंद होनी चाहिए, बकरों की बलि देने का सिलसिला भी बंद होना चाहिए। मगर सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हर किसी को अपना धर्म चुनने और उस पर चलने की पूरी स्वतंत्रता है। यह स्थिति बेहद कष्टदायक है कि जहां शांति और मेलजोल से रहने का यह आलम रहा हो कि विभाजन से आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ था वहां इस तरह की शर्मनाक हिंसा हुई, लोगों को यातना दी गई, मस्जिद को ध्वस्त किया गया, महिलाओं और बच्चों को पीटा गया, कई होटल, दुकानें और घरों को तोड़ दिया गया। शरारती तत्वों ने मांग की थी कि विशालगढ़ की पहाड़ियों पर बसे सभी घरों को तोड़ा जाए, यदि यह काम सरकार ने नहीं किया तो हम तोड़ने के लिए तैयार हैं। इस बारे में कलेक्टर को भी सूचित किया गया था लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया और इतने बड़े पैमाने पर हिंसा हुई।”

एडवोकेट ने आगे कहा कि “मैं पीड़ितों की हर तरफ से कानूनी मदद करने के लिए तैयार हूं और यह मांग करता हूं कि जिनके मकान तोड़े गए हैं उनके घर बनाए जाएं, पीड़ितों की पूरी मदद की जाए और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। इसके अलावा उन्होंने उपस्थित लोगों को यह सलाह दी कि राहुल गांधी से मुलाकात की जाए ताकि इस मामले में मजबूती से आवाज उठाई जा सके। उन्होंने मुस्लिम समस्याओं को उठाने और मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ बिना फीस लिए अपनी सेवाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।”

विशालगढ़ हिंसा को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की सलाह
बैठक में एडवोकेट तळेकर ने यह भी सलाह दी कि “विशालगढ़ हिंसा केवल कोल्हापुर तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक पैटर्न बनता जा रहा है, इसे इसी संदर्भ में देखते हुए राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बनाने की जरूरत है। इसके साथ इस समस्या पर इसी तरह एकजुट होकर काम किया जाए ताकि शरारती तत्वों और साम्प्रदायिक तत्वों पर लगाम लग सके और यह सिलसिला स्थायी रूप से रुक सके।” बैठक में मौलाना महमूद खान दरियाबादी, शाकिर शेख, हुमायूं शेख, मौलाना अब्दुल जलील अंसारी, मौलाना एजाज अहमद कश्मीरी, फरीद शेख, नईम शेख, उबैदुर्रहमान और अन्य उपस्थित थे।

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