वीर बाल दिवस भारत की रक्षा के लिए कुछ भी करने के दृढ़ संकल्प का प्रतीक: मोदी
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत ने अत्याचारियों का सम्मान के साथ सामना किया है और जब हम अपनी विरासत पर गर्व करते हैं तो दुनिया का नजरिया भी बदल जाता है।
वीर बाल दिवस के अवसर पर एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश वीर बाल दिवस के रूप में भारत की आजादी के अमृत महोत्सव में वीर साहिबजादे के अमर बलिदानों को याद कर है और उनसे प्रेरणा ले रहा है। आज एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री ने पिछले साल इसी दिन मनाए गए पहले वीर बाल दिवस समारोह को याद किया।
उन्होंने कहा, “वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कभी न हार मानने वाले रवैये का प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि जब वीरता की बात आती है तो उम्र मायने नहीं रखती।” प्रधानमंत्री ने इसे सिख गुरुओं की विरासत का उत्सव बताते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी और उनके चार वीर पुत्रों का साहस और आदर्श आज भी हर भारतीय को प्रेरित करता है।
बाबा मोतीराम मेहरा के परिवार के बलिदान और दीवान टोडरमल के समर्पण को याद करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि वीर बाल दिवस उन माताओं के लिए एक राष्ट्रीय श्रद्धांजलि है जिन्होंने वीर बहादुरों को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्र में गुरुओं के प्रति सच्ची श्रद्धा की लौ प्रज्वलित होती है।
पीएम मोदी ने बच्चों के गाने और तीन मार्शल आर्ट प्रस्तुतियां देखीं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने दिल्ली में युवा मार्च पास्ट को भी हरी झंडी दिखाई।
श्री मोदी ने कहा कि वीर बाल दिवस अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है क्योंकि वीर बाल दिवस से संबंधित कार्यक्रम अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और ग्रीस में देखे गए हैं। प्रधानमंत्री ने चमकुर और सरहिंद की लड़ाई के अविश्वसनीय इतिहास को याद करते हुए कहा कि इस इतिहास को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि भारतीयों ने अत्याचार का सम्मान के साथ सामना किया।