जन गण मन” की जगह “वंदे मातरम्” को राष्ट्रीय गान होना चाहिए: बाबा रामगिरी

जन गण मन” की जगह “वंदे मातरम्” को राष्ट्रीय गान होना चाहिए: बाबा रामगिरी

विवादित और सांप्रदायिक बयानबाज़ी करने वाले साधु बाबा रामगिरी ने लंबे समय के बाद फिर अपनी ज़ुबान खोली है। इस बार उसने राष्ट्रीय गान “जन गण मन” और रवींद्रनाथ टैगोर को निशाने पर लिया है। राम गिरी का कहना है कि “जन गण मन” के बजाय “वंदे मातरम्” को देश का राष्ट्रीय गान होना चाहिए। उसने यह भी कहा कि “जन गण मन” रवींद्रनाथ टैगोर ने ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम को खुश करने के लिए लिखा था। साथ ही उसने “वंदे मातरम्” को राष्ट्रीय गान बनाने के लिए संघर्ष शुरू करने की अपील की।

बुधवार को औरंगाबाद में मराठी फिल्म ‘मिशन अयोध्या’ का टीज़र लॉन्च किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में विवादित साधु रामगिरी महाराज को आमंत्रित किया गया था। इस दौरान भाषण देते हुए रामगिरी ने कहा, “1911 में ब्रिटेन का राजा जॉर्ज पंचम भारत आया था। उस समय उसकी खुशामद करने के लिए रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘जन गण मन’ गान मंच पर प्रस्तुत किया था।” रामगिरी के अनुसार, “जॉर्ज पंचम ने भारत पर अत्याचार किए थे और उसकी प्रशंसा में यह गाना लिखा गया था। यह गाना देश को संबोधित नहीं करता, इसलिए भविष्य में इस पर भी विचार करना होगा।”

हालांकि, राम गिरी ने रवींद्रनाथ टैगोर पर की गई अपनी बातों पर कुछ सफाई देने की भी कोशिश की। उसने कहा, “वैसे रवींद्रनाथ टैगोर ने कई शानदार काम किए हैं। उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा दिया और कई शिक्षण संस्थान स्थापित किए। लेकिन आज भी आप देख सकते हैं कि शिक्षण संस्थानों को चलाने के लिए सरकार से संबंध रखने पड़ते हैं। हो सकता है कि उस समय रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने शैक्षिक मिशन को जारी रखने के लिए अंग्रेजी सरकार से संबंध बनाए हों और उन्हें खुश करने के लिए उनकी प्रशंसा में यह गाना लिखा हो।”

इसके बाद उसने कहा, “इसी से खुश होकर अंग्रेजों ने उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया था।” उसने आगे कहा, “ऐसे में ‘वंदे मातरम्’ ही देश का सही राष्ट्रीय गान है। इसलिए इसे राष्ट्रीय गान का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष शुरू करना होगा।”

कार्यक्रम के बाद जब रिपोर्टरों ने राम गिरी से रवींद्रनाथ टैगोर की अपमानजनक टिप्पणी पर सवाल किया, तो उसने कहा, “यह किसी का अपमान या तौहीन करने का मामला नहीं है बल्कि यह सच को बयान करने का मामला है। अगर सच बोलना किसी का अपमान कहलाता है, तो यह दुखद है।”

गौरतलब है कि इससे पहले राम गिरी महाराज ने नासिक में एक कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद साहब के संबंध में अपमानजनक टिप्पणी करने की कोशिश की थी। इस पर राज्य भर में उसके खिलाफ लगभग 60 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई थीं, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। राम गिरी की टिप्पणी से एक बार फिर लोगों में नाराज़गी देखी जा रही है, खासकर सोशल मीडिया पर उसे कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

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