उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में बड़ा हादसा हुआ है. चमोली जिले में एवलांच के बाद ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है, जबकि धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया, जिससे गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।
चमोली जिले के तपोवन इलाके में रविवार को ग्लेशियर फटने (Glacier burst) से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है. जब यह हादसा हुआ, तब दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। इस हादसे में करीब 150 लोगों के मरने की आशंका है, जबकि आठ के शव बरामद किए गए हैं। . प्रोजेक्ट साइट पर काम कर रहे श्रमिकों के वास्ते राहत और बचाव कार्य जारी है.
राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि आपदा से प्रभावित दो कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे मजदूरों की जान बचाने के लिए ऑपरेशन चल रहा है
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि एनडीआरफ की टीम मार्च कर चुकी है जबकि आईटीबीपी और SDRF की टीम पहुंच चुकी है. तबाही में हताहत होने वाले लोगों की संख्या में बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 100 से 150 लोगों के बहने की आशंका है.
ग्लेशियर के टूटने से अलकनंदा नदी और धौलीगंगा नदी में हिमस्खलन और बाढ़ संभावना के चलते आसपास बसे लोगों को tezi से हटाया जा रहा है कई घरों के बहने की आशंका भी जताई जा रही है. साथ ही जोशीमठ के करीब बांध टूटने की भी खबर है. आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य के लिए पहुंच गए हैं.
एनडीआरएफ की टीमें गाजियाबाद से चमोली के लिए भेजी जा रही हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हर संभव मदद का भरोसा दिया है.