यूएस सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमलों के दोषी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मंजूरी दी
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। भारत लंबे समय से पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। वो मुंबई आतंकवादी हमलों में वांछित है।अदालत ने राणा की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने निचली अदालत के फैसले की समीक्षा की मांग की थी
राणा ने भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन यूएस सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को उसकी याचिका खारिज कर दी। राणा ने दोहरे खतरे के सिद्धांत का हवाला देते हुए कहा था कि उसे एक ही अपराध के लिए दो बार दंडित नहीं किया जा सकता।हालांकि, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को नकारते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी।
यह फैसला 21 जनवरी को सुनाया गया। राणा के प्रत्यर्पण के खिलाफ यह उसका आखिरी कानूनी प्रयास था, जिसमें वह विफल हो गया। राणा के वकील जोशुआ एल ड्रेटल ने अमेरिकी सरकार की सिफारिश को चुनौती देते हुए कोर्ट से अपील की थी कि उसकी याचिका को स्वीकार किया जाए, मगर, अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल एलिजाबेथ बी प्रीलोगर ने सुप्रीम कोर्ट से इस याचिका को खारिज करने की सिफारिश की थी। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है।
राणा पर 26/11 मुंबई हमले की साजिश रचने का आरोप लगा था। उसे पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है। हेडली भी 2008 हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। मुंबई आतंकी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे, जिसमें 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 60 घंटे से अधिक समय तक घेराबंदी की थी। आतंकियों ने मुंबई में प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर हमला किया था।