UCC पहले हिंदुओं पर लागू करें: डीएमके

UCC पहले हिंदुओं पर लागू करें: डीएमके

पीएम मोदी ने मंगलवार को भोपाल में कहा, ‘समान नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। देश दो कानूनों पर कैसे चल सकता है? भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है।’

पीएम मोदी की समान नागरिक संहिता की वकालत पर डीएमके ने जोरदार सवाल उठाए हैं। एमके स्टालिन की पार्टी ने तर्क दिया कि पहले हिंदुओं के लिए एक समान संहिता लागू की जानी चाहिए, जिसके बाद उन्हें सभी जातियों के लोगों को मंदिरों में प्रार्थना-पूजा करने की अनुमति देनी होगी।

वहीं कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के एक बयान में कहा गया, ‘पीएम मोदी को पहले देश में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी के बारे में जवाब देना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘वह मणिपुर मुद्दे पर कभी नहीं बोलते। पूरा राज्य जल रहा है। वह सिर्फ इन सभी मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका रहे हैं।’

मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि समान नागरिक संहिता लाओ, लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग हैं।’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय मुसलमानों को समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए उन्हें भड़का रहे हैं और नष्ट कर रहे हैं…।’ उन्होंने यूसीसी की वकालत करते हुए कहा कि एक ही परिवार के अलग-अलग सदस्यों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान पर डीएमके के नेता टीकेएस एलंगोवन ने पीएम से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘समान नागरिक संहिता सबसे पहले हिंदू धर्म में लागू की जानी चाहिए। अनुसूचित जाति और जनजाति सहित प्रत्येक व्यक्ति को देश के किसी भी मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हम यूसीसी केवल इसलिए नहीं चाहते क्योंकि संविधान ने हर धर्म को सुरक्षा दी है।

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