झारखंड में पिछले 24 घंटे के दौरान दो जवानों ने खुद को गोली मारी

झारखंड में पिछले 24 घंटे के दौरान दो जवानों ने खुद को गोली मारी

अर्धसैनिक बलों के शिविरों में हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। पीटीआई के मुताबिक कल रात झारखंड के बोकारो में सीआरपीएफ के एक जवान ने अपने ही असिस्टेंट कमांडेंट और एक एएसआई की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना में एक अन्य घायल भी हुआ है। ये सभी चुनाव ड्यूटी पर तैनात थे। झारखंड में बीते 24 घंटे के भीतर यह इस तरह की दूसरी वारदात है।

सोमवार को ही रांची में छत्‍तीसगढ़ आर्म्ड फोर्सेज के एक जवान ने छुट्टी के विवाद में अपने एक अफसर पर अंधाधुंध फायरिंग कर उसकी जान ले ली थी। बाद में जवान ने खुद को भी गोली मारकर आत्‍महत्‍या कर ली थी।

हाल में सुरक्षा बलों के जवानों द्वारा सहकर्मियों पर फायरिंग की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी होती दिख रही है। बीते हफ्ते ही छत्तीसगढ़ के रायपुर में आईटीबीपी के एक जवान ने अपने ही साथियों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। इस घटना में पांच जवान मारे गए और तीन जख्मी हुए।

इसी साल मार्च में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में भी ऐसी ही घटना हुई थी। यहां सीआरपीएफ की 187वीं बटालियन के कैंप में जवानों के बीच किसी बात को लेकर हुई बहस ने खूनी रूप ले लिया। इसके बाद एक जवान ने अपनी सर्विस राइफल से फायरिंग कर दी। तीन जवान मारे गए। इन पर गोलियां चलाने वाले जवान ने बाद में खुद को भी गोली मार ली।

इससे पहले जनवरी में जम्मू-कश्मीर के ही श्रीनगर में सीआरपीएफ के एक जवान ने अपने दो साथियों को गोली मारने के बाद खुद को भी गोली मार ली थी। इसके पहले मंगलवार को बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत रहावन स्थित सीआरपीएफ के कैंप में 26वीं बटालियन के जवान रामबाबू राय ने अपनी ही रायफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।

रामबाबू झारखंड के रामगढ़ जिले के भदानी नगर के रहने वाले थे। नवंबर के आखिरी हफ्ते में गुमला के सीलम स्थित सीआरपीएफ 218 बटालियन के कैंप में भी सीआरपीएफ जवान संजय ने डयूटी के दौरान खुद को एके-47 से गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। संजय हिमाचल प्रदेश के रहने वाले थे और 15 दिन की छुट्टियों से वापस ड्यूटी पर लौटे थे।

नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों में खुदकुशी की बढ़ती घटना के पीछे तनाव को बड़ा कारण माना जा रहा है। इन घटनाओं से अर्धसैनिक बल के शीर्ष अफसर भी चिंतित हैं। सीआरपीएफ के एक अफसर ने कहा कि इस प्रवृत्ति पर रोक के लिए काउंसलिंग सेशन आयोजित किए जा रहे हैं।

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