तीन-चार लोग जेब काटने आते हैं, एक ध्यान बंटाता है और दूसरा जेब साफ करता है, मीडिया यही कर रहा है; राहुल गांधी
राहुल गांधी ने गोदी मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि मीडिया मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश में लगा है, यही कारण है कि वह शाहरुख खान, सचिन तेंदुलकर और ऐश्वर्या राय की खबरें दिखाकर लोगों को बेवकूफ बना रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि ऐसी मसालेदार खबरें दिखाकर मीडिया देश की अस्ल समस्याओं, खासकर बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं से ध्यान भटका रहा है।
अपनी बात समझाने के लिए राहुल गांधी ने जेबकतरे का उदाहरण दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि जेबकतरा अकेला नहीं आता, बल्कि उसके साथ तीन-चार और लोग भी आते हैं, एक ध्यान भटकाता है और दूसरा जेब साफ करता है. उन्होंने कहा कि मीडिया भी यही काम कर रहा है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ‘आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हिंदुओं और हिंदू धर्म के बारे में जो बात कर रहे हैं, वह इस देश के हिंदू धर्म की विचारधारा नहीं है.उन्होंने कहा कि यह हो सकता है कि यह आरएसएस की विचारधारा हो।
राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने कहीं भी भागवत हिंदुत्व नहीं देखा। उन्होंने इस संबंध में भगवान राम की करुणा का भी जिक्र किया। उनसे पूछा गया था कि मोहन भागवत ने हाल ही में कहा था कि ‘हिंदुओं का आक्रामक होना स्वाभाविक है और मुसलमानों को अपनी वर्चस्ववादी मानसिकता छोड़नी होगी.’
बीजेपी नेता और उनके चचेरे भाई वरुण गाँधी के बारे में उन्होंने कहा कि वह उनसे मिल सकते हैं और उन्हें गले लगा सकते हैं, लेकिन उन्होंनेसंघ की विचारधारा अपना ली है, इसलिए वह उनके साथ नहीं जा सकते. उन्होंने कहा, मेरी संघ के साथ वैचारिक लड़ाई है, मैं अपना गला कटा सकता हूं, लेकिन संघ के कार्यालय नहीं जा सकता।
एक सवाल के जवाब में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पूरे देश की समस्या पंजाब नहीं बल्कि बढ़ती बेरोजगारी है. उन्होंने कहा कि यदि छोटे व्यवसाय सही ढंग से चलेंगे और किसानों की समस्याओं का समाधान होगा तो इससे बेरोजगारी की समस्या का समाधान होगा और इसके समाधान से नशाखोरी सहित कई समस्याओं का समाधान होगा।
एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी की नफरत की एक विचार धारा है, इस विचार धारा को लोगों ने नकार दिया है अब भारत जोड़ो यात्रा ने दूसरी विचारधारा पेश की है, तो अब देश के सामने दो विचारधाराएं हैं और भारत जोड़ो यात्रा से पैदा हुई विचारधारा को लोगों ने स्वीकार किया है।