यह सदन लोकतंत्र का मंदिर नहीं, महाराजा का दरबार बनता जा रहा है: गोगोई
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया और उन पर देश के लोकतंत्र के मंदिर (संसद) को “जीते जागते राज दरबार” में बदलने का आरोप लगाया। जब स्पीकर ओम बिरला ने इस पर उन्हें टोका तो गोगोई ने प्रधानमंत्री के सदन में आने पर लगाए गए नारों का भी जिक्र किया।
अपने तीखे भाषण के दौरान गोगोई ने सरकार पर जमकर हमला किया। स्पीकर ने गोगोई को कई बार टोका, लेकिन गोगोई ने अपने 25 मिनट के भाषण में सरकार की पर जमकर प्रहार किए। उन्होंने कहा, “हमारे संसदीय इतिहास में पहली बार हमने देखा कि एक ही दिन में 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया और फिर 3 दिनों में 14 बिल सदन द्वारा पारित किए गए।” ऐसा दुनिया में कहीं नहीं हुआ। एक महिला सांसद को भी निलंबित कर दिया गया।
इस पर खुद स्पीकर ओम बिरला ने गोगोई को टोका और सदन के फैसलों की आलोचना करने से बचने को कहा। गोगोई ने इस पर और तीखा हमला करते हुए कहा, ”हम इस सदन को लोकतंत्र का मंदिर कहते थे, अब यह सदन लोकतंत्र का मंदिर नहीं रहा, यह धीरे-धीरे एक महाराजा का शाही महल बनता जा रहा है। तभी स्पीकर ने उनकी ओर इशारा करते हुए कहा, ”आप जिस सदन में बैठे हैं, उस पर आरोप लगा रहे हैं। गोगोई ने तब जवाब दिया कि वह भाजपा के दौर में संसदीय प्रणाली की स्थिति पर चर्चा कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ”जब महाराज यहां आते हैं तो सभी सदस्य खड़े होकर तालियां बजाते हैं, उनके लिएजय जयकार का काम करते हैं, इस पर भी जब स्पीकर ने टोका तो कांग्रेस सांसद ने शांति बनाए रखते हुए कहा, ‘हम जिस जिम्मेदारी के साथ संसद में आते हैं, उस ज़िम्मेदारी को भूल गए हैं, महाराजा आते भी हैं तो एक भी सवाल का जवाब दिए बिना चले जाते हैं। इसके बाद ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए अपने भाषण को राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव तक सीमित रखने के लिए कहा।
गोगोई ने कहा, ”मैं इस सदन के इतिहास के बारे में बात कर रहा हूं।” इस सदन में कई प्रधानमंत्री हुए हैं, सभी ने सवालों का जवाब देकर अपनी जिम्मेदारी निभाई है।’ यह पहली बार है जब हम देख रहे हैं कि महाराजा पिछले 5 वर्षों में किसी भी सरकारी विभाग के एक भी सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोका तो बीजेपी सांसद भी हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच गोगोई ने कहा, ”शायद देश के लोकतंत्र को राजशाही में बदलना उनकी निजी इच्छा है।
उन्होंने मोदी सरकार पर इवेंट मैनेजमेंट में डॉक्टरेट और अटेंशन मैनेजमेंट में पीएचडी करने का आरोप लगाया। गोगोई के मुताबिक, जब हम प्रधानमंत्री से पूछते हैं कि वह मणिपुर क्यों नहीं गए तो जवाब मिलता है कि जी-20 को देखिए, प्रधानमंत्री पेरिस में हैं। जब हम कहते हैं कि नोटबंदी में 100 लोग मरे तो जवाब मिलता है कि पेटीएम पर प्रधानमंत्री का चेहरा देखिए।
गोगोई के मुताबिक, ”जब हम अपनी धरती पर चीन के अतिक्रमण के बारे में सवाल पूछते हैं तो वे यह कहकर हमारा ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं, ‘देखो, हम मालदीव से ज्यादा ताकतवर हैं। गोगोई ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार झूठ बोल रही है। वह ऐसा करने की कोशिश कर रही है अपनी असफलता को छद्मवेशों से छिपाकर जनता को “माया जाल” में फंसाकर “राजा” को और भी शक्तिशाली बनाना चाहता है।