भारत को दिया इस दोस्त देश ने धोखा, चीन को दी क्रूज मिसाइल

भारत को दिया इस दोस्त देश ने धोखा, चीन को दी क्रूज मिसाइल भारत से दोस्ती का दम भरने वाले इस्राईल की कंपनियों ने चीन को अवैध रूप से क्रूज मिसाइलें देते हुए भारत को बहुत बड़ा धोखा दिया है।

भारत से दोस्ती की आड़ में देश को धोखा देने की कोशिशें की जा रही हैं। इस्राईल की हथियार निर्माता तीन कंपनियों ने चीन को क्रूज़ मिसाइलें बेची हैं । विध्वंसक हथियारों का निर्माण करने वाली तीन कंपनी के 10 लोगों पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने चोरी चोरी छुपे चीन को क्रूज़ मिसाइलें बेची हैं।

इस्राईल के वित्त विभाग से जुड़े अटॉर्नी ऑफिस ने कहा है कि तीन कंपनियों समेत दस अधिकारियों ने चीन को मिसाइल भेजते हुए सुरक्षा उल्लंघन किया है । अटॉर्नी जनरल के ऑफिस से कहा गया है कि इस सौदे में इस्राईल के ड्रोन कारोबारी एप्रैम मेनाशे ने दलाली की है।

इस बयान में कहा गया है कि उपरोक्त लोग बिना लाइसेंस के सैन्य उपयोग के लिए क्रूज़ मिसाइल के निर्माण, उस के व्यापार और निर्यात में शामिल थे। इन लोगों पर रक्षा निर्यात अधिनियम के उल्लंघन, मनी लांड्रिंग एवं सुरक्षा उल्लंघन के आरोप लगाए हैं ।

संदिग्ध लोगों पर क्रूज मिसाइल के उत्पादन उनका परीक्षण एवं सफलतापूर्वक चीन को निर्यात करने के आरोप लगाए गए हैं। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस काम के लिए उपरोक्त लोगों को चीन सरकार की ओर से लाखों डॉलर मिले हैं।

चीन की ओर से अभी तक इस खबर पर कोई टिप्पणी नहीं आई है और ना ही चीन ने अभी तक इन मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। बता दें कि इस्राईल में बहुत सी ऐसी कंपनियां हैं जो आधिकारिक रूप से हथियार बेचने का काम करती हैं। इस्राईल ने मेनाशे के लेन-देन को लेकर जांच शुरू कर दी है। सोलर स्काई के मालिक मेनाशे को ही इस सौदे का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।

चीन तक इन क्रूज मिसाइलों को पहुंचाने के लिए इस्राईली कंपनियों ने चीनी कंपनियों के साथ समझौते किए थे। खास बात यह है कि इस्राईली कंपनियों ने जिन चीनी कंपनियों के साथ यह समझौते किए थे वह सब चीन सेना को क्रूज़ मिसाइल उपलब्ध कराने के टेंडर में मौजूद थीं।

इस्राईल की एक सुरक्षा सलाहकार कंपनी के मालिक जिऑन गजिट और और उरी शचार ने इस डील में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है जबकि खुफिया ड्रोन बनाने वाली इन्नोकॉन के मालिक जविका और जीव नवेच को भी मेनाशे ने अपने साथ मिलाया हुआ है।

इस्राईल सरकार के वकील ने दावा करते हुए कहा है कि इस्राईल की तीन कंपनियों और 10 संदिग्धों ने चीन के लिए दर्जनों क्रूज़ मिसाइलों का निर्माण करते हुए देश में ही उनका परीक्षण किया। उनके इस परीक्षण से इस्राईल के लोगों की जिंदगी दांव पर लग सकती थी। सफल परीक्षण के बाद इन मिसाइलों को गुप्त रूप से चीन तक पहुंचा दिया गया है। चीन ने इन मिसाइलों के बदले इन लोगों को करोड़ों डॉलर दिए हैं ।

सी साल फरवरी में इस्राईली पुलिस ने इस मामले को लेकर 20 लोगों से पूछताछ की थी। जांच में पता लगा था कि चीन की ओर से बाकायदा इन लोगों को आर्डर दिए जाते थे और यह आर्डर पर हथियारों का निर्माण करते थे। इस्राईल में हथियार निर्यात के लिए लगभग 1600 लोगों को लाइसेंस प्राप्त है। हथियार निर्माता कंपनियों में लगभग 200000 से अधिक लोग काम करते हैं। इसके अलावा सब-कॉन्ट्रैक्टर्स की भी एक बड़ी आपूर्ति श्रंखला है जो हथियारों के उत्पादन में जरूरी सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, कच्चे माल एवं अन्य सामान उपलब्ध कराते हैं।

इस्राईल की सरकारी संस्था डीईसीए हथियारों के टेंडर पर नजर रखती है। इस संस्था का काम होता है कि वह यह सुनिश्चित करें कि देश में निर्मित होने वाले हथियार किसी भी कीमत पर दुश्मन देश तक नहीं ना पहुंचे। साथ ही दोस्त देशों के खिलाफ भी हथियार इस्तेमाल ना हो सके। लेकिन चीन को लेकर यह संस्था अपने मिशन में नाकाम रही है। इस डील से इस्राईल की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है चीन तक जो हथियार पहुंचाए गए हैं उनमें हाई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है।

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