जनादेश के साथ नहीं होनी चाहिए धोखेबाजी, किसी भी तरह का ना हो ‘जुगाड़: उमर अब्दुल्ला
जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के सरकार बनाने की संभावना है। मंगलवार को रुझानों में गठबंधन ने 90 में से 51 सीट पर बढ़त बना ली है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 26 सीट पर आगे है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध रुझानों के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पांच सीट पर आगे है जबकि निर्दलीय प्रत्याशियों ने सात सीटों पर बढ़त बनायी हुयी है। रुझानों के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) 41 सीट पर आगे है जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस 10 सीट पर आगे है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोगों के जनादेश के साथ कोई धोखेबाजी नहीं होनी चाहिए और केंद्र तथा राजभवन को किसी भी तरह के ‘जुगाड़’ में शामिल नहीं होना चाहिए।
अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजभवन और केंद्र को लोगों के फैसले को उसी तरह स्वीकार करना चाहिए, जिस तरह हमने संसदीय चुनावों में किया।’’ गांदरबल और बडगाम सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे एनसी नेता ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन चुनाव जीतेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें जीत की उम्मीद है, लेकिन बाकी सब ईश्वर के हाथ में है। हमें दोपहर तक पता चल जाएगा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने क्या फैसला किया है?’’
उपराज्यपाल द्वारा पांच विधायकों का मनोनयन किए जाने के प्रावधान के बारे में पूछे जाने पर पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन को निर्वाचित सरकार की सलाह का इंतजार करना चाहिए।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘कुछ वकीलों ने अपनी राय दी है। हमारे वकील ने कहा है कि उपराज्यपाल को विधायकों के मनोनयन का कोई अधिकार नहीं है। विधानसभा गठन के बाद यह निर्वाचित सरकार का अधिकार है। हमारे वकीलों ने ही लद्दाख (प्रतीक) मुद्दे पर (लोकसभा चुनाव में) हमें जीत दिलाने में मदद की थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह संसद में भी होता है। जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे उस समय मनोनयन हुआ तो यह मोदी सरकार की सलाह पर किया गया और उन्होंने कांग्रेस के सदस्यों को मनोनीत नहीं किया था।’’ एनसी उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘इसलिए, उपराज्यपाल को संविधान को ध्यान में रखना चाहिए और इन पांच सीट को निर्वाचित सरकार की सलाह से भरा जाना चाहिए।’’