राम नाम पर लूट मची है, अयोध्या भाजपा नेताओं के घोटाले पर प्रियंका का वार अयोध्या में भाजपा नेताओं, उनके रिश्तेदारों और सरकारी अधिकारियों द्वारा कथित रूप से जमीन हड़पने पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने जमकर निशाना साधा।
राम नाम पर हो रही ठगी के मामले पर प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले राम मंदिर के चंदे में घोटाला किया गया और अब दलितों की जमीनों को हड़पा जा रहा है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि राम मंदिर बनवाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था अतः जिलाधिकारी स्तर पर हो रही इस मामले की जांच उच्च न्यायालय की श निगरानी में की जानी चाहिए।
राम मंदिर के नाम पर देश भर से चंदा मांगा गया है। सभी की भावनाएं राम मंदिर से जुड़ी हुई है और यह उन भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं। भगवान राम ने इतना बड़ा बलिदान दिया था और यह उनके नाम पर भी ठगी कर कर रहे हैं। मर्यादा पुरुष राम की सारी मान – मर्यादा को मिट्टी में मिलाते हुए राम मंदिर के चंदे की लूट का खेल खेला जा रहा है ।
राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को दो करोड़ की जमीन 26.50 करोड़ में बेची गई इससे बड़ा चंदा चोरी का सबूत क्या होगा ?
बता दें कि 5 नवंबर, 2017 को वक्फ की संपत्ति बाग बिजैसी, हवेली अवध, समेत अयोध्या की 2.334 हैक्टेयर जमीन को महज़ूज़ आलम इत्यादि द्वारा भगोड़े अपराधी हरीश कुमार पाठक उर्फ बाबा हरीदास व उसकी पत्नी, श्रीमती कुसुम पाठक को 2 करोड़ में बेचा गया।
18 मार्च, 2021 को शाम 6:51 बजे उपरोक्त में से 10,370 वर्गमीटर यानि 1.037 हैक्टेयर जमीन ₹8,00,000,000 (8 करोड़ रु.) में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, को इसके सेक्रेटरी, चंपत राय के माध्यम से बेच दी गई।
बाबा हरीदास उर्फ हरीश पाठक व उसकी पत्नी, कुसुम पाठक ने 18 मार्च, 2021 को ही शाम के 7:10 बजे इसमें से 1.208 हैक्टेयर (12,080वर्गमीटर) ज़मीन रजिस्टर्ड सेल डीड से रविमोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी को ₹2 करोड़ में बेच दी।
इस सौदे के पांच मिनट बाद ही उसी समय, 18 मार्च, 2021 को शाम 7:15 बजे यही 12,080 वर्गमीटर जमीन रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी द्वारा श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मार्फ़त सेक्रेटरी, श्री चंपत राय को ₹18,50,00,000 (18.5 करोड़ रु.) में बेचने का रजिस्टर्ड इकरारनामा कर ट्रस्ट द्वारा ₹18.50 करोड़ का भुगतान कर दिया गया।
गड़बड़झाला केवल इस बात से ही साफ है कि 18 मार्च 2021 को शाम 7:10 व 7:15 बजे यानि पांच मिनट के बीच रजिस्टर्ड दोनों कागजात में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी जा रही जमीन की कीमत ₹2 करोड़ से बढ़कर ₹18.5 करोड़ हो जाती है। मज़े की बात यह है कि तीनों ही रजिस्टर्ड डॉक्युमेंट्स पर अनिल मिश्रा व ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं।
अनिल मिश्रा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रांत कार्यवाहक तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आजीवन सदस्य हैं।
कांग्रेस ने यह भी आरोप है कि अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास की जमीनों को बीजेपी के कई नेताओं और उत्तर प्रदेश शासन के कुछ अधिकारियों ने औने-पौने दाम पर खरीदा है। कांग्रेस के पार्टी महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘चंदे की लूट’ और ‘जमीन की लूट’ पर जवाब देना चाहिए तथा पूरे प्रकरण की जांच करानी चाहिए।