मुहर्रम का दिन हमें उसूल और इंसाफ के लिए हज़रत इमाम हुसैन की शहादत की याद दिलाता है: प्रियंका गांधी
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुहर्रम के अवसर पर हज़रत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मुहर्रम का दिन हमें उसूल और इंसाफ के प्रति उनकी अटूट निष्ठा की याद दिलाता है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि सच और न्याय के रास्ते पर चलते हुए किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उसूलों से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।
प्रियंका गांधी ने अपने संदेश में कहा, “हज़रत इमाम हुसैन की शहादत हमें यह सिखाती है कि जब भी हमें असत्य और अन्याय का सामना करना पड़े, तो हमें साहस और धैर्य के साथ सच के पक्ष में खड़ा रहना चाहिए। उनकी शहादत आज भी हमें प्रेरणा देती है कि हम किसी भी परिस्थिति में अपने मूल्यों और सिद्धांतों का त्याग न करें।”
मुहर्रम, इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना, शिया मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है। यह महीना हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने कर्बला की लड़ाई में सत्य और न्याय के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
प्रियंका गांधी ने कहा, “मुहर्रम हमें न केवल इमाम हुसैन की बलिदान की गाथा याद दिलाता है, बल्कि यह भी बताता है कि सच और न्याय की राह पर चलना कितना महत्वपूर्ण है। हमें उनके उसूलों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में भी इन्हें अपनाना चाहिए।” इस अवसर पर उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस दिन को शांति, सद्भाव और भाईचारे के साथ मनाएं और इमाम हुसैन की शिक्षा और उसूलों को अपने जीवन में अपनाएं।
इसके साथ ही, प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन के मुद्दे पर भी ट्वीट करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “फिलिस्तीन के लोगों की दुर्दशा हमें न्याय और मानवाधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने की याद दिलाती है। हमें उनके संघर्ष को समझते हुए उनके साथ खड़ा होना चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठानी चाहिए।” प्रियंका गांधी का यह संदेश न केवल हज़रत इमाम हुसैन की शहादत की महानता को रेखांकित करता है, बल्कि वर्तमान समय में चल रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ भी हमें जागरूक रहने के लिए प्रेरित करता है।