केजरीवाल की गिरफ़्तारी वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आबकारी नीति घोटाले से उपजे मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ मामले की सुनवाई कर सकती है। केजरीवाल ने पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि मामले में उनकी अवैध गिरफ्तारी स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव एवं संघवाद पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर हमला है।
दरअसल केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी लोकसभा चुनाव को देखते हुए की गई है। केजरीवाल ने याचिका में दावा किया गया है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने और आदर्श आचार संहिता लागू होने के पांच दिन बाद ईडी ने एक मौजूदा मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय विपक्षी दलों में से एक के राष्ट्रीय संयोजक को अवैध रूप से पकड़ लिया। इन दलीलों को ईडी ने खारिज कर दिया है।
केजरीवाल ने दावा किया कि यह एक अद्भुत मामला। इसमें केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी व उसके नेताओं को दबाने के लिए मनी लॉड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत ईडी और उसकी व्यापक शक्तियों का दुरुपयोग किया। उन्होंने दावा किया ईडी ने मौजूदा मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय विपक्षी पार्टियों में से एक के राष्ट्रीय संयोजक को गलत तरीक से उठाया। उनकी गिरफ्तारी से स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के लिए आवश्यक समान अवसर का स्पष्ट रूप से समझौता हो गया।
ईडी ने केजरीवल की याचिका पर कहा कि कानून के सामने सब बराबर है। ऐसे में किसी अन्य शख्स और केजरीवाल से अलग-अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता। केजरीवाल को हमने नौ समन भेजे थे, लेकिन वो एक में भी पेश नहीं हुए. अब जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
दरअसल, कोर्ट ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की याचिका पर उससे जवाब मांगा था। कोर्ट ने नौ अप्रैल को मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखा था और कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि बार-बार समन जारी करने और जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद ईडी के पास कम विकल्प बचे थे।