उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
उत्तराखंड: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड के वन मंत्री और अन्य लोगों की राय को नजरअंदाज करते हुए भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारी राहुल की, राजा जी टाइगर रिजर्व के निदेशक के रूप में नियुक्ति पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कड़ी फटकार लगाई है। क्योंकि राहुल को पहले अवैध रूप से पेड़ काटने के आरोप में जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से हटा दिया गया था। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने लगभग दो साल पहले जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और राजाजी नेशनल पार्क में पेड़ों की अवैध कटाई का संज्ञान लिया था। अदालत ने तब IFS अधिकारी राहुल को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक के पद से हटाने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया, “मुख्यमंत्री को उनसे (अधिकारी से) खास लगाव क्यों होना चाहिए?” कोर्ट ने आगे कहा कि सिर्फ इसलिए कि वह मुख्यमंत्री हैं, क्या वे कुछ भी कर सकते हैं? सरकारों के प्रमुखों से ‘पुराने समय के राजा’ जैसा व्यवहार करने की उम्मीद नहीं की जा सकती, और हम ‘जमींदारी युग’ में नहीं हैं।
अदालत ने इस मामले पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहले ही एक विशेष नोटिंग की गई थी कि राहुल को राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक के रूप में नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए, और इसे राज्य के उप सचिव, मुख्य सचिव और वन मंत्री ने भी मंजूरी दी थी। बेंच ने कहा, “इस देश में लोक विश्वास का एक सिद्धांत मौजूद है। कार्यपालिका के प्रमुखों को पुराने समय के राजा की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए कि जो कुछ भी उन्होंने कहा है, वही किया जाएगा।”
हालांकि राज्य सरकार ने जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस पी के मिश्रा और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच को जानकारी दी कि IFS अधिकारी को इस अभ्यारण्य का निदेशक नियुक्त करने का आदेश 3 सितंबर को वापस ले लिया गया है। यह बेंच जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पूर्व निदेशक IFS अधिकारी राहुल को राजाजी टाइगर रिजर्व का निदेशक नियुक्त करने से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी।