सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को पत्रकार सिद्दीक कप्पन को इलाज के लिए नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) या किसी अन्य सरकारी अस्पताल में शिफ़्ट करने का निर्देश दिया है।
कप्पन जो मधुमेह और दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं और फिलहाल वो मथुरा की जेल में बंद है वहीं उनका मथुरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पत्रकार सिद्दीक कप्पन को इलाज के लिए नई दिल्ली के एम्स या किसी अन्य सरकारी अस्पताल में शिफ़्ट किया जाए। बीमारी से उबरने के बाद कप्पन को दोबारा मथुरा जेल वापस भेज दिया जाएगा।
बता दें अदालत केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (KUWJ) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि कप्पन मथुरा जेल के एक बाथरूम में गिर गए थे, और बाद में कोविद पॉज़िटिव सकारात्मक परीक्षण किया है। KUWJ ने कप्पन को AIIMS में स्थानांतरित करने के लिए अदालत के निर्देश की मांग की थी।
हालाँकि सुनवाई के दौरान ने यूपी सरकार ने अदालत में काप्पन को राज्य के बाहर इलाज कराने की अनुमति देने का विरोध ये कहते हुए किया कि राज्य के अस्पतालों में अन्य कैदियों का इलाज किया जा रहा है इस लिए कप्पन का भी इलाज राज्य के अस्पताल में ही किया सकता है ।
ग़ौर तलब है कि कप्पन की पत्नी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिख कर मथुरा अस्पताल चल रहे कप्पन के इलाज और उनकी स्थिति के बारे में चिंता जताती थी। उन्होंने दावा किया था कि कप्पन को मथुरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक बेड पर जानवर की तरह जंजीर में जकड़ कर रखा गया है ।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी अपने यूपी समकक्ष योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप करने और कप्पन को विशेषज्ञ स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था।
बता दें कि काप्पन को यूपी पुलिस ने हाथरस गैंगरेप मामले को कवर करने के जुर्म में 5 अक्टूबर, 2020 को मथुरा से गिरफ्तार किया था, पुलिस का आरोप है कि वो इस घटना पर धार्मिक दुश्मनी भड़काने की एक कथित साजिश का हिस्सा थे। वो गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत हिरासत में है।