सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने किसान मोर्चा को बातचीत के लिए आमंत्रित किया

सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने किसान मोर्चा को बातचीत के लिए आमंत्रित किया

किसानों का आंदोलन अब उग्र होता जा रहा है। इसे देखते हुए अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई हाई पावर कमेटी ने 3 जनवरी को किसानों को मीटिंग पर बुलाया है। अब देखने की बात यह है कि किसान इस मीटिंग को लेकर क्या प्रतिक्रिया देता है और इस मीटिंग में क्या नतीजा सामने आता है।

रिटायर्ड जज नवाब सिंह की अध्यक्षता में गठित सुप्रीम कोर्ट की समिति ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को 3 जनवरी को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। एसकेएम राष्ट्रीय समन्वय समिति के सदस्य रमिंदर सिंह पटियाला ने बताया कि किसान संगठन ने इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।

मीटिंग सुबह 11 बजे पंचकुला के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में रखी गई है। जहां पर कमेटी विस्तार से किसानों के मुद्दों पर चर्चा कर स्ट्रेटजी बनाएगी। इससे पहले भी कमेटी किसानों और प्रशासन के अधिकारियों से मीटिंग कर चुकी है। लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के सीनियर नेता इस कमेटी के सामने पेश नहीं हुए थे। साथ ही उन्होंने पत्र लिखकर कमेटी को भेजा था।

कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि आंदोलन करने वाले किसान बातचीत के लिए नहीं आ रहे हैं। किसानों से उनकी सुविधा के अनुसार तारीख और समय भी मांगा गया था। लेकिन उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाई पावर कमेटी के प्रयास को सराहा था।

सुप्रीम कोर्ट कमेटी से 3 जनवरी को बातचीत के बाद किसान नेता 4 जनवरी को खन्नौरी में “किसान महापंचायत” में पहुंचेंगे और सारी जानकारी किसानों को देंगे। 4 जनवरी की किसान महापंचायत का मकसद आगे की रणनीति पर चर्चा है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने चार दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ एक बैठक का अनुरोध किया था। लेकिन वहां से किसान संगठनों को कोई निर्देश नहीं मिला। किसान नेता राष्ट्रपति को एमएसपी पर सारी जानकारी देना चाहते थे।

हाल ही में संसद के शीतकालीन अधिवेशन में कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर स्थायी समिति ने कृषि उपज के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का समर्थन किया था। उसने इसे “आवश्यक” बताया था। इस कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद किसान नेताओं के हौसले बढ़े हुए हैं।

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