नागपुर में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख की गाड़ी पर पथराव

नागपुर में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख की गाड़ी पर पथराव

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री और एनसीपी (शरद पवार गुट) नेता अनिल देशमुख सोमवार रात नागपुर जिले के कटोल इलाके में उनकी गाड़ी पर हुए पथराव के कारण गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, यह घटना तब हुई जब वह नरखेड़ गांव में एक चुनावी सभा में शामिल होने के बाद वापस कटोल जा रहे थे।

यह हमला रात करीब 8 बजे जलालखेड़ा रोड पर बेलफाटा गांव के पास हुआ। अचानक हुए इस पथराव ने वहां अफरातफरी का माहौल बना दिया। देशमुख की गाड़ी को निशाना बनाकर किए गए इस हमले में गाड़ी के शीशे टूट गए और वह घायल हो गए। मौके पर मौजूद उनके सहयोगियों ने तुरंत उन्हें कटोल के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

पुलिस का बयान और कार्रवाई
नागपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, “हमलावरों की पहचान के लिए पुलिस हरसंभव प्रयास कर रही है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और चश्मदीदों से पूछताछ की जा रही है।”

यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का प्रचार अपने अंतिम चरण में है। 20 नवंबर को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था, और अनिल देशमुख अपने बेटे सलील देशमुख के प्रचार के लिए लगातार जनसभाएं और रैलियां कर रहे थे। सलील देशमुख कटोल विधानसभा क्षेत्र से एनसीपी (शरद पवार गुट) के उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार चरण सिंह ठाकुर से है।

यह हमला विधानसभा चुनावों के दौरान बढ़ते राजनीतिक तनाव को भी उजागर करता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह हमला चुनावी प्रतिद्वंद्विता के कारण हो सकता है। हालांकि, पुलिस फिलहाल इस मामले को गंभीरता से जांच रही है और किसी भी तरह की राजनीतिक साजिश से इनकार या पुष्टि नहीं की गई है।

भाजपा ने भी इस घटना की निंदा की
हमले के बाद स्थानीय जनता और राजनीतिक दलों में नाराजगी का माहौल है। एनसीपी (शरद पवार गुट) ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और हमलावरों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। वहीं, भाजपा ने भी इस घटना की निंदा की है और कहा है कि चुनावी माहौल में ऐसी घटनाएं निंदनीय हैं।

यह घटना सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। एक पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता पर हुए इस हमले ने प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल उठाए हैं। पुलिस और प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया है कि दोषियों को जल्द ही पकड़कर कड़ी सजा दी जाएगी। अब सभी की नजरें इस मामले की जांच पर टिकी हैं, जिसका असर विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी पड़ सकता है।

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