वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सातवें बजट में युवाओं और बेरोज़गारों पर विशेष ध्यान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सातवें बजट में युवाओं और बेरोज़गारों पर विशेष ध्यान

बजट 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा एलान किया है। वित्त मंत्री ने पीएम पैकेज के तहत रोजगार लिंक्ड स्कीम को लॉन्च करने का फैसला किया है। इस योजना के तहत तीन स्कीमों के तहत डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांस्फर के लिए जरिए पहली बार रोजगार में आने वाले नए युवाओं को सरकार मदद देगी। ईपीएफओ में एनरोलमेंट के आधार पर इन स्कीमों का फायदा दिया जाएगा।

संगठित क्षेत्र में आने वालों कर्मचारी को 1 महीने का वेतन दिया जाएगा जो ईपीएफओ में रजिस्टर होंगे। डीबीटी के जरिए एक महीने की सैलेरी जो कि 15000 रुपये उसे तीन किश्तों में दिया जाएगा। इसके लिए 1 लाख रुपये तक की सैलेरी की लिमिट होगी। इस योजना से 2.10 लाख यूथ को फायदा होगा। वित्त मंत्री के रूप में यह निर्मला सीतारमण का लगातार सातवां बजट पेश कर रही हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा स्थापित रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिय जिन्होंने वित्त मंत्री के रूप में पांच वार्षिक बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लगातार पांच बजट पेश किए और प्रणब मुखर्जी ने भी लगातार पांच बजट पेश किए।

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए भारत में निवेशकों पर एंजेल टैक्स खत्म करने की घोषणा की। जबकि एंजेल टैक्स को पहली बार 2012 में पेश किया गया था ताकि फर्म के शेयरों के उचित बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर एक करीबी स्वामित्व वाली कंपनी के शेयरों की सदस्यता के माध्यम से बेहिसाब धन के उत्पादन और उपयोग को रोका जा सके, इसका दायरा यहां तक बढ़ाया गया था। पिछले साल के केंद्रीय बजट के दौरान 1 अप्रैल, 2024 से अनिवासी निवेशकों ने स्टार्टअप्स द्वारा कड़ा विरोध देखा था।

वित्त मंत्री ने कहा- भारतीय मोबाइल उद्योग घरेलू विनिर्माण में वृद्धि के साथ परिपक्व हुआ है, मोबाइल फोन, सहायक उपकरण और चार्जर पर मूल सीमा शुल्क घटाकर 15% कर दिया गया है।

सरकार ने पूंजीगत व्यय लक्ष्य को अंतरिम बजट से अपरिवर्तित 11.11 लाख करोड़ रुपये ही रखा है। मोदी सरकार के पिछले कुछ बजटों की आधारशिला पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास था। दरअसल, पिछले फरवरी में पेश किए गए बजट 2023-24 का मुख्य आकर्षण यह घोषणा थी कि सरकारी पूंजीगत व्यय 10 लाख करोड़ रुपये होगा – जो 2020-21 के 4.39 लाख करोड़ रुपये के दोगुने से भी अधिक है। हालाँकि, अंतरिम बजट में संशोधित अनुमानों से पता चला है कि चालू वर्ष में पूंजीगत व्यय लक्ष्य पूरे नहीं हुए थे।

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि पीएम आवास योजना के तहत 10 लाख करोड़ के निवेश से 1 करोड़ शहरी गरीबों और मध्यम वर्ग के परिवारों की शहरी आवास जरूरतों को पूरा किया जाएगा। निर्मला सीतारमण अपने बजट भाषण में प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के बारे में बताते हुए कहा कि “यह योजना आदिवासी-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों के लिए 63,000 गांवों को शामिल किया जाएगा, जिससे 5 करोड़ आदिवासी लोगों को लाभ होगा।”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच साल की अवधि में देश भर की 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने की योजना की घोषणा की। यह अवसर प्रति माह 5000 रुपये के इंटर्नशिप भत्ते के साथ 6000 रुपये की एकमुश्त सहायता के साथ आएगा। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत लगभग 12 औद्योगिक पार्क स्वीकृत किए गए हैं।

निर्मला सीतारमण ने कहा- “अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे पर हम बिहार के गया में एक औद्योगिक क्षेत्र के विकास का समर्थन करेंगे। यह पूर्वी क्षेत्र के विकास को बढ़ाएगा। हम सड़क कनेक्टिविटी परियोजनाओं के विकास का भी समर्थन करेंगे- जिसमें पटना – पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर राजमार्ग, बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा और 26,000 करोड़ रुपये में बक्सर में गंगा नदी पर एक अतिरिक्त दो-लेन पुल शामिल है।”

वित्त मंत्री ने कहा- “सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के प्रयास किए हैं। राज्य की पूंजी की आवश्यकता को पहचानते हुए, हम बहुपक्षीय एजेंसियों के माध्यम से विशेष वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। चालू वित्त वर्ष में, भविष्य के वर्षों में अतिरिक्त राशि से 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी।”

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