भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने दावा किया है कि पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार ने नए कृषि क़ानूनों पर चुप्प्पी साध रखी है जिससे लगता है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों पर किसानों के आंदोलन के खिलाफ कुछ योजना बना रही है।
रविवार रात उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के लिए रवाना होने से पहले, भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता ने बिजनौर के अफजलगढ़ में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा पिछले 15-20 दिनों से सरकार की चुप्पी संकेत दे रही है कि कुछ होने वाला है। मुझे तो लगता है कि सरकार किसान आंदोलन के खिलाफ कुछ योजना बना रही है।
बता दें कि एक बार फिर किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने इस बात को कहा है कि जब तक नए कृषि क़ानूनों पर कोई समाधान नहीं निकलता तब तक किसान पीछे नहीं हटेंगे।
भारतीय न्यूज़ एजेंसी के अनुसार टिकैत ने कहा: कि सरकार को हम बता देना चाहते हैं कि जब तक नए कृषि क़ानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा हम सभी किसान आंदोलन करते रहेंगे हम अपनी फसल की देखरेख के साथ आंदोलन भी करते रहेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि जब सरकार के पास समय हो वो हमसे वार्ता कर सकती है लेकिन हमारी जो मांगे पहले थी वही मांगें अभी भी है।
टिकैत ने यह भी कहा कि किसानों की “महापंचायत” 24 मार्च तक देश के कई स्थानों पर आयोजित की जाएगी।
नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने ही मुसीबत खड़ी की थी वर्ण हम तो शांति के साथ ट्रैक्टर लेकर निकले थे जिसने लाल क़िले पर झंडा फहराया वो भी भाजपा का कार्यकर्ता निकला।
किसानों के विभिन्न स्थानों पर खड़ी फसल को नष्ट करने के मुद्दे पर टिकैत ने कहा कि बीकेयू ने किसानों से कहा है कि इस तरह की कार्रवाई का समय अभी तक नहीं आया है लेकिन सरकार किसानों को ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर रही है।
टिकैत ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में एमएसपी पर गेहूं की फसल नहीं बेची गई तो किसान आंदोलन तेज करेंगे और वे राज्य भर में जिला मुख्यालयों के बाहर धरना देंगे।