श्री कृष्ण जन्मभूमि केस: हाईकोर्ट के फैसले से मुस्लिम पक्ष को झटका
ईदगाह मस्जिद : मथुरा में स्थित कृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में एक फैसला सुनाया है जो मुस्लिम पक्ष के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है। हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान की याचिका को स्वीकार करते हुए विवादित स्थल की स्थिति को लेकर जांच के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा दी गई याचिका में पर्याप्त आधार है और इस पर विचार किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए कि विवादित स्थल पर पुरातात्विक सर्वेक्षण किया जाए ताकि ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के तथ्यों का पता लगाया जा सके। इससे पहले, निचली अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ सेवा संस्थान ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
हाईकोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष असंतुष्ट है और उन्होंने इसे धार्मिक भावना के खिलाफ करार दिया है। मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि वे इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उनका कहना है कि यह फैसला संविधान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है और इससे सांप्रदायिक सौहार्द पर असर पड़ेगा।
यह मामला 17वीं सदी का है जब मुगल शासक औरंगजेब ने मथुरा में एक मंदिर को तोड़कर वहां ईदगाह मस्जिद का निर्माण करवाया था। हिन्दू पक्ष का दावा है कि यह स्थल भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान है और इसे पुनः मंदिर के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह स्थल उनकी धार्मिक आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है और इसे किसी भी प्रकार से बदलना अस्वीकार्य है।
फैसले के बाद, अब सभी की नजरें पुरातात्विक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर टिकी होंगी, जो इस विवाद को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। दोनों पक्षों ने अपने-अपने दावे मजबूत करने के लिए कानूनी और सामाजिक स्तर पर प्रयास तेज कर दिए हैं। यह मामला न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का है, बल्कि इससे देश के सामाजिक और सांप्रदायिक ताने-बाने पर भी असर पड़ सकता है। हाईकोर्ट के इस फैसले ने एक बार फिर इस विवाद को सुर्खियों में ला दिया है और अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सुप्रीम कोर्ट में इस पर क्या निर्णय लिया जाता है।