न्याय तक पहुँचने वाली बाधा को ख़त्म करना, सबसे बड़ी चुनौती: CJI चंद्रचूड़

न्याय तक पहुँचने वाली बाधा को ख़त्म करना, सबसे बड़ी चुनौती: CJI चंद्रचूड़

आज पूरा देश 77 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह मना रहा है। इस मौक़े पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट लॉन में स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित किया गया, जिसमें सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ इस समारोह के चीफ गेस्ट और केंद्रीय कानून मंत्री गेस्ट ऑफ ऑनर रहे।

इस दौरान CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 77 साल बाद हमारा तिरंगा स्वतंत्रता और समानता की हवा में लहरा रहा है। कई बार हवा रुक जाती है या क्षितिज पर तूफान आ जाता है, लेकिन झंडा हमें अतीत के सामूहिक गौरव की ओर ले जाता है और हमें वर्तमान में बने रहने की इच्छाशक्ति देता है।

CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि जैसा कि मैं भविष्य की ओर देखता हूं, मेरा मानना है कि सबसे बड़ी चुनौती न्याय तक पहुंच में बाधा को खत्म करना है। हमें न्याय प्रदान करने की अदालत की क्षमता में विश्वास पैदा करना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति को न्याय मिले। हमें अदालत के बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत है।

CJI ने कहा हमारे संस्थापक नेताओं ने राष्ट्रीय प्राथमिकताएं तय कीं और सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बदलाव लाने के लिए संस्थागत तंत्र की कल्पना की। सिस्टम की ताकत न्याय देना है। इस विश्वास की भावना कि मनमाने ढंग से गिरफ्तारी, तोड़फोड़ की धमकी आदि को सुप्रीम कोर्ट के जजों में सांत्वना और आवाज मिलनी चाहिए।

न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका तीनों अंग राष्ट्रीय निर्माण के साझा कार्य में जुड़े हुए हैं। भारतीय न्यायपालिका का इतिहास भारतीय जनता के दैनिक संघर्ष का इतिहास है। अगर हमारा इतिहास सब कुछ सिखाता है तो वह यही है कि अदालत के लिए कोई भी मामला छोटा या बड़ा नहीं होता।

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