राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह
राजस्थान के मुद्दे पर मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर चल रही बैठक खत्म हो गई है। सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं में दोनों नेताओं में सुलह हो गई है। गहलोत की खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात करीब 4 घंटे तक चली। बैठक के बाद पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ सचिन पायलट और अशोक गहलोत मीडिया के सामने आए।
मीटिंग ख़त्म होने के कुछ देर बाद दोनों एक साथ नजर आए, उनके चेहरे से लग रहा था कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के सामने अपनी मांगें रखने के बाद सुलह के फार्मूले को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सुलह का फॉर्मूला क्या तय किया गया है।
मीडिया के सामने के.सी. वेणुगोपाल ने मुलाकात और सुलह की बात करते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए एक साथ लड़ने के लिए अपने मतभेद मिटा कर सुलह का फैसला किया है। केसी वेणुगोपाल ने मीडियाकर्मियों के लगातार सवालों के बावजूद सुलह और सचिन पायलट की जिम्मेदारी के बारे में कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने उन्होंने इतना ज़रूर कहा कि दोनों ने फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है।
गौरतलब हो कि गहलोत और पायलट को लंबे समय बाद साथ देखा गया है। मीडिया को संबोधित करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए राजस्थान एक मजबूत राज्य है। हम एक बार फिर राजस्थान जीतने जा रहे हैं, सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों नेताओं ने सर्वसम्मति से एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
सूत्रों का कहना है कि चुनाव से पहले सचिन पायलट को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है, इसका फॉर्मूला बहुत जल्द साफ हो जाएगा, हालांकि माना जा रहा है कि सचिन पायलट को एक बार फिर राजस्थान में कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं सचिन पायलट की मांगों पर अशोक गहलोत बहुत जल्द अमल कर सकते हैं।