नीट-यूजी 2024को दोबारा आयोजित करने से लाखों ईमानदार उम्मीदवार प्रभावित होंगे: केंद्र सरकार

नीट-यूजी 2024को दोबारा आयोजित करने से लाखों ईमानदार उम्मीदवार प्रभावित होंगे: केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि राष्ट्रीय पात्रता-कम-प्रवेश परीक्षा- स्नातक (नीट यूजी) 2024 को रद्द करना सही कदम नहीं होगा, क्योंकि परीक्षा में व्यापक स्तर पर गोपनीयता भंग होने के सबूत नहीं मिले हैं। केंद्र ने यह भी कहा कि यदि परीक्षा रद्द की गई तो लाखों ईमानदार छात्रों के हित प्रभावित होंगे और उनके भविष्य के लिए गंभीर खतरा पैदा होगा।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के किसी भी सबूत के अभाव में NEET-UG 2024 को दोबारा आयोजित करने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा कि परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से नीट-यूजी 2024 प्रश्नों का प्रयास करने वाले लाखों ईमानदर उम्मीदवार “गंभीर रूप से खतरे में” पड़ जाएंगे।

हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि “एक ही समय में, अखिल भारतीय परीक्षा में किसी भी बड़े पैमाने पर गोपनीयता के उल्लंघन के सबूत के अभाव में, पूरी परीक्षा और पहले से घोषित परिणामों को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा।”

केंद्र सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि उसने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कथित अनियमितताओं के पूरे मामले की व्यापक जांच करने को कहा है। NEET-UG का आयोजन सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा किया जाता है।

11 जून को, सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा को नए सिरे से आयोजित करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए, NEET-UG की पवित्रता के बारे में चिंताओं पर ध्यान दिया और केंद्र और NTA से जवाब मांगा। हालांकि कोर्ट ने सफल छात्रों की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 8 जुलाई को नीट से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई करने वाले हैं, जिसमें नीट परीक्षा फिर से कराने की मांग की गई है। एनटीए के कामकाज की भी जांच कराने की मांग की गई है। अभी तक सुप्रीम कोर्ट में वैकेशन बेंच इसकी सुनवाई कर रही थी।गुरुवार को, गुजरात स्थित 50 से अधिक सफल नीट-यूजी उम्मीदवारों ने केंद्र और एनटीए को विवादों से भरी परीक्षा रद्द करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम अदालत का रुख किया।

संयोग से पेपर लीक के तार गुजरात के गोधरा से जुड़े हैं। गोधरा में एक पूरा सेंटर ही पेपर लीक के आऱोप में है और वहां के मैनेजर, टीचर, प्रिंसिपल औऱ अन्य कर्मचारियों को पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। यहां से साइन किए हुए लाखों रुपये के चेक भी मिले, जो छात्रों के पैरंट्स ने इस सेंटर चलाने वाले को दिए थे। गोधरा में इस सेंटर पर एनटीए के देखरेख में परीक्षा होनी थी। सीबीआई ने भी तक इस मामले में 6 गिरफ्तारियां की हैं।

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