राजस्थान: रामगढ़ से कांग्रेस विधायक जुबेर खान (61) का निधन

राजस्थान: रामगढ़ से कांग्रेस विधायक जुबेर खान (61) का निधन

अलवर: राजस्थान के अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट से विधायक और राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान का निधन हो गया। विधायक जुबेर खान (61) ने शनिवार सुबह करीब 5:50 बजे अलवर शहर के निकट ढाई पेडी स्थित खुद के फार्म हाउस पर अंतिम सांस ली। जुबेर खान के जनाजे को आज असर की नमाज के बाद शाम 5 बजे, गैस गोदाम के पास, रामगढ़ (अलवर) में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। जुबेर खान का एक साल पहले लीवर ट्रांसप्लांट हुआ था। जिसके बाद से वे काफी बीमार रहते थे।

जुबेर खान का पैतृक गांव अलवर जिले में माचड़ी है। जुबेर खान के पिता बाग सिंह अलवर ग्रामीण में सिलीसेढ़ के पास माचड़ी गांव के रहने वाले थे। वह ग्राम पंचायत के सरपंच रह चुके थे। जुबेर खान 6 भाई हैं। रामगढ़ (अलवर) में नौगांवा रोड पर भी जुबेर का मकान है। अलवर शहर के ढाई पेडी में भी खुद का मकान है। यहां परिवार रहता है। जुबेर खान के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा आदिल (29) है। दूसरा आर्यन (26) है। दोनों एमबीए हैं। छोटे बेटे ने LLB कर दिल्ली में प्रैक्टिस शुरू की है। पत्नी साफिया जुबेर राजनीति में सक्रिय हैं। वह विधायक भी रह चुकी हैं।

बता दें कि जुबेर खान के गांधी परिवार से अच्छे संबंध थे। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई अलवर में पूरी की और फिर दिल्ली चले गए जहां उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। ज़ुबेर खान के दो बेटे आदिल (29) और आर्यन (26) हैं। जुबैर खान 1990 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर अलवर के रामगढ़ से विधायक बने थे। उस समय उनकी उम्र 25 साल थी। 1993 में वे फिर विधायक बने और इसके बाद एनएसयूआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे। वे कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

इसके बाद 2003 में वह एक बार फिर विधायक बने और उसके बाद विधानसभा में सचेतक रहे। हालांकि, 2008 और 2013 में वे चुनाव हार गए। 2018 के चुनाव में उनकी पत्नी साफिया खान को कांग्रेस ने टिकट दिया और वे जीत गईं। 2023 में जुबेर खान फिर से विधायक बने। जुबेर खान की पत्नी साफिया राजनीति में सक्रिय हैं और विधायक भी रह चुकी हैं। अब जुबेर खान की मौत के बाद राज्य में रिक्त हुई विधानसभा सीटों की कुल संख्या सात हो गई है।

इसलिए अब सात सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होंगे। पांच सीटें पहले ही खाली हो गई थीं, क्योंकि मौजूदा विधायक लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए थे। हाल ही में छठी सीट, सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के कारण रिक्त हुई थी। जिन पांच सीटों पर विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उपचुनाव होंगे उनमें दौसा, झुंझुनू, देवली उनियारा, खींवसर और चौरासी शामिल हैं।

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