लोकसभा चुनाव में राजा भैया का किसी भी पार्टी को समर्थन देने से इनकार
कुंडा के बाहुबली विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। राजा भैया अब लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी और उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेंगे। कार्यकर्ताओं और समर्थकों को किसी के भी साथ जुड़ने की छूट दी है।
पिछले छह सालों से राजा भैया कई मौकों पर बीजेपी का समर्थन कर चुके हैं। इसी चक्कर में उनका अखिलेश यादव से संबंध भी ख़राब हो गया। साल 2018 के राज्य सभा के चुनाव में उन्होंने बीएसपी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया। तब समाजवादी पार्टी और बीएसपी का गठबंधन था। कहते हैं कि ताली दोनों हाथों से बजती है। लेकिन राजा भैया और बीजेपी के मामले में ऐसा नहीं है। अब तक तो राजा भैया ही बिना शर्त साथ निभाते रहे हैं।
राजा भैया ने कहा है कि कार्यकर्ताओं और समर्थकों को जो ठीक लगे, वह फैसला ले सकते हैं। कौशांबी सीट को लेकर कहा कि दोनों प्रमुख उम्मीदवारों में कोई भी ऐसा नहीं है जो आपके सुख-दुख में शामिल हो सके। राजा भैया खुद अपनी गारंटी ले सकते हैं, किसी दूसरे नेता या प्रत्याशी की नहीं ले सकते हैं। इस चुनाव में किसी भी पार्टी और उम्मीदवार को कोई समर्थन नहीं दिया जाएगा।
गौरतलब है कि बीजेपी सांसदों के साथ राजा भैया के मुलाकात की तस्वीर भी सामने आई थीं। इस तस्वीर में राजा भैया सांसद विनोद सोनकर को उंगली दिखा रहे हैं और विनोद सोनकर बाहर की तरफ जाते हुए नजर आ रहे थे। तस्वीर देखकर ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि मुलाकात में कोई बात नहीं बनी और मामला बिगड़ भी गया है।
कुंडा विधायक ने कहा कि ना बीजेपी गठबंधन को कोई समर्थन होगा और ना ही सपा गठबंधन को कोई समर्थन देगा। राजा भैया ने मंगलवार को पार्टी पदाधिकारियों और समर्थकों की बैठक को संबोधित किया। इससे पहले राजा भैया से मंगलवार को उनकी कोठी पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और कौशांबी के सांसद व उम्मीदवार विनोद सोनकर ने मुलाकात की थी।