मोहन भागवत के कार्यक्रम में शामिल हुए मौलवी कलीम समेत पांच को उठाया उत्तर प्रदेश के मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी और उनके तीन अन्य साथियों को ड्राइवर समेत सुरक्षा एजेंसी ने उठा लिया है।
मोहन भागवत के कार्यक्रम में भाग लेने वाले मौलाना कलीम की गतिविधियां संदिग्ध बताई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि उनकी गतिविधियां शक के दायरे में हैं।
मौलाना को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठा ले जाने के बाद देर रात तक मौलाना के समर्थन में मुस्लिम विद्वानों एवं मुस्लिम समुदाय के लोगों ने लिसाड़ीगेट थाने में डेरा डाले रखा और हंगामा किया।
मुजफ्फरनगर के गांव फुलत के निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी लिसाड़ीगेट के हिमायू नगर में स्थित माशा अल्लाह मस्जिद के इमाम शारिक़ के आवास पर एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए हुए थे।
रात 9:00 बजे इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद वह अपने साथियों के साथ अपने गांव की ओर रवाना हो गए लेकिन इस बीच उनके परिजनों की ओर से उनसे संपर्क साधने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल बंद मिला। परिजनों ने इसकी जानकारी मेरठ में इमाम शारिक को दी।
परिजनों और परिचितों की ओर से तलाश शुरू की गई लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद स्थानीय नागरिक भारी संख्या में लिसाड़ीगेट थाने पर पहुंच गए। देर रात तक हंगामा चलता रहा लेकिन पुलिस ने उन्हें उठाने की अधिकारिक पुष्टि नहीं की।
कहा जा रहा है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी की गतिविधियां शक के दायरे में हैं और वह संदिग्ध गतिविधि के चलते सुरक्षा एजेंसी के निशाने पर थे। मौलाना के मेरठ आने की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को पहले से ही थी। यही कारण है कि उन्हें वापसी के दौरान पकड़ लिया गया और उनसे पूछताछ की जा रही है।
मौलाना कलीम सिद्धकी का नाम क्षेत्र के इस्लामिक विद्वानों में आता है वह फुलत के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के निदेशक भी हैं। 7 सितंबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की ओर से आयोजित किए गए कार्यक्रम राष्ट्र प्रथम और राष्ट्र सर्वोपरि में मौलाना कलीम भी शामिल हुए थे।
सूत्रों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों को मौलाना कलीम पर शक है और मंगलवार को सुरक्षा एजेंसियों ने लिसाड़ीगेट में डेरा डाला हुआ था। सुरक्षा एजेंसियों की ओर से चार मौलानाओं को हिरासत में लेने के कारण क्षेत्र में हंगामा मचा हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों उठाये गये लोगों को लखनऊ लेकर रवाना हो गई हैं।
बता दें कि मौलाना कलीम ने प्री मेडिकल टेस्ट में 57 वी रैंक हासिल की थी लेकिन उन्होंने एमबीबीएस में प्रवेश नहीं लिया था। वह देश विदेश में धार्मिक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए यात्रा करते रहते हैं। फुलत समेत कई क्षेत्रों पर उनके नाम से मदरसे चल रहे हैं। उनकी कौन सी गतिविधियां संदिग्ध हैं इसको लेकर भी पुलिस अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
मौलाना कलीम सिद्धकी और उनके साथियों की गुमशुदगी के बाद भारी संख्या में थाने पहुंचे उलमा और स्थानीय नागरिकों ने थाने में तहरीर देते हुए उन्हें बरामद करने की मांग की है। वहीं पुलिस अधिकारी लोगों से कह रहे हैं कि मौलाना और उनके साथी सुरक्षित हैं। घबराने की कोई बात नहीं है। कुछ मामलों में सुरक्षा एजेंसियों को उनसे जानकारी चाहिए।
मेरठ पुलिस देर रात तक कानून व्यवस्था बनाने में लगी हुई थी। लिसाड़ीगेट थाने पर कई थानों की पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है। मौलाना की गिरफ्तारी को लेकर कोई बवाल ना हो इसलिए लखनऊ से लेकर मेरठ तक लगातार पुलिस विभाग अपडेट रहा। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मौलाना से पूछताछ के बाद के राज खुल सकते हैं।