प्रधानमंत्री मोदी और ब्यास प्रमुख की बनी राजनीतिक चर्चा का विषय
डेरा ब्यास प्रमुख ने पीएम मोदी से मुलाक़ात कर सबकाे चौंकाया दिया है। पंजाब चुनाव से केवल 7 दिन पहले हुई इस मुलाक़ात से नई राजनीतिक चर्चाएं शुरु होने लगी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और राधा स्वामी सत्संग डेरा प्रमुख के बीच इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाएं छेड़ दी हैं। स्पष्ट रहे कि डेरा ब्यास चुनाव में किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करता है लेकिन डेरा प्रमुख के प्रधानमंत्री से मिलने के बाद राजनीतिक चर्चा होना आवश्यक है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ट्वीटर एकाउंट से डेरा ब्यास प्रमुख से हुई मुलाकात की तस्वीर साझा की है। आमतौर से डेरा सत्संग ब्यास के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता से मुलाक़ात के लिए नहीं जाते हैं लेकिन सभी राजनीतिक दलों से जुडी हस्तियां समय-समय पर या चुनाव से पहले उनका आशीर्वाद लेने के लिए डेरा ब्यास पहुंचती हैं।
यह पहला मौका है जब डेरा प्रमुख ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की हो। तय कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी 18 मार्च को चुनाव प्रचार समाप्त होने से पहले पंजाब में तीन रैलियां कर रहे हैं। सोमवार को वह जालंधर में रैली करेंगे और उसके बाद 16 फरवरी को पठानकोट में एवं 17 फरवरी को अबोहर में रैलियां करेंगे। ऐसे में इन रैलियों से पहले यह मुलाकात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी पहली बार अपने दम पर पंजाब की 73 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है। मोदी और राधा स्वामी सत्संग डेरा प्रमुख की मुलाक़ात से भाजपा गठबंधन को काफी का लाभ हो सकता है। कांग्रेस से अलग हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी और शिरोमणि अकाली दल से अलग हुए सुखदेव सिंह ढींडसा की पार्टी शिरोमणि अकाली दल के साथ भाजपा ने इस चुनाव में गठबंधन किया है।
राजनीति जानकारों की बात मानी जाए तो निश्चित रूप से भाजपा गठबंधन को इस मुलाक़ात का लाभ मिल सकता है। इसकी वजह एक दम साफ है। पंजाब के सभी वर्गाें पर डेरा ब्यास का अच्छा प्रभाव है। इसलिए माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के साथ हुई डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों की मुलाकात के बाद उनके अनुयायी भाजपा को समर्थन दे सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले डेरा सच्चा सौदा मुखय गुरमीत राम रहीम को भी जेल से 21 दिन की पेरोल मिली हुई है। जिसके बाद यह चर्चा छिड़ गई थी कि मालवा में भाजपा गठबंधन को उन सभी सीटों पर लाभ मिल सकता है जहां पर डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव है। हालांकि अभी डेरा सच्चा सौदा द्वारा किसी भी राजनीतिक पार्टी के समर्थन की घोषणा नहीं की गई है।