राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने जस्टिस एनवी रमना (NV Ramana) को भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। रमना 24 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश की शपथ लेंगे और 26 अगस्त, 2022 तक भारत के 48 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम करेंगे।
बता दें कि पिछले महीने भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे (SA Bobde) (जो 23 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले हैं) ने न्यायमूर्ति एनवी रमना को उनके उत्तराधिकारी के रूप में सिफारिश की थी।
ग़ौरतलब है कि 17 फरवरी, 2014 को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त, न्यायमूर्ति रमण कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे हैं, जिनमें सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों में तेजी से नज़र रखने के लिए विशेष अदालतें स्थापित करना शामिल है
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल न्यायमूर्ति रमण की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने दिसंबर 2012 के गैंगरेप और हत्या मामले में दोषियों द्वारा दायर की गई उपचारात्मक याचिकाओं को खारिज कर फांसी की सज़ा सुनाई थी।
बता दें कि न्यायमूर्ति रमण 10 फरवरी, 1983 को एक वकील के रूप में नामांकित हुए। विभिन्न सरकारी निकायों के लिए वकील के पैनल में सेवारत होने के अलावा उन्होंने केंद्र सरकार के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में हैदराबाद में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में रेलवे के लिए स्थायी वकील के रूप में काम किया और आंध्र प्रदेश के अतिरिक्त महाअधिवक्ता के रूप में उन्हें 27 जून, 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक एपी एचसी के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य कर रहे थे।