बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे प्रशांत किशोर गिरफ़्तार

बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे प्रशांत किशोर गिरफ़्तार

बीपीएससी (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। पटना पुलिस ने सुबह 4 बजे के करीब प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर लिया है। पीके के साथ अनशन पर बैठे कुछ प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया गया है। इसी के साथ पटना पुलिस ने गांधी मैदान को खाली करा दिया है। प्रशांत किशोर को पुलिस की टीम अपने साथ एंबुलेंस से एम्स ले गई है।

गांधी मैदान, पुलिस ने आंदोलनकारियों से खाली करा लिया है। हालांकि पहले प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने की खबर आई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस ने किशोर और उनके समर्थकों को विरोध स्थल से हटा दिया है। प्रशांत किशोर के समर्थकों के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद पुलिस उन्हें मेडिकल जांच के लिए पटना एम्स ले गई।

पटना के जिला मजिस्ट्रेट चन्द्रशेखर सिंह ने कहा- “हां, गांधी मैदान में धरने पर बैठे किशोर और उनके समर्थकों को पुलिस ने सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। अब उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।” डीएम सिंह ने कहा कि विरोध “अवैध” था क्योंकि यह एक प्रतिबंधित क्षेत्र के पास हो रहा था, उन्होंने कहा कि धरना गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास आयोजित किया जा रहा था, एक ऐसी जगह जहां विरोध प्रदर्शन पर रोक है।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और नीतीश सरकार के मंत्री दिलीप जायसावाल ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर छात्रों के नाम पर अपनी राजनीति चमका रहे थे। उन्होंने कहा है कि उनकी राजनीति का अंत हो रहा है। ऐसे लोग आते-जाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि कहावत है कि खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे, प्रशांत किशोर उसी को चरितार्थ कर रहे थे।

प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी पर आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि ये VIP अनशन, खा पीकर किया गया अनशन, ये छात्रों के आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे थे, सरकार से मिलीभगत थी। पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। जब गांधी मैदान प्रतिबंधित स्थान था, तब वहां बैठने की इजाज़त क्यों दी? पहले ही दिन क्यों नहीं हटाया? सरकार द्वारा प्रायोजित आंदोलन छात्र और नौजवान भी समझ रहे हैं। तेजस्वी यादव नौजवानों और छात्रों के भविष्य को बचाने के लिए सदन से सड़क तक लड़ेंगे। जो लोग छात्रों के आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीति चमका रहे थे वो आज एक्सपोज़ हो गए।

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