देश पर मंडराता बिजली संकट, रेलवे उठा रहा है बड़े कदम पंजाब और दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में बिजली संकट गहराता जा रहा है।
देश में गहराते कोयला संकट और कोयले की भारी कमी के कारण देश पर अंधकार में डूबने का खतरा मंडरा रहा है। कहा जा रहा है कि कोयले की भारी किल्लत के कारण कई पावर प्लांट बंद कर दिए गए हैं।
दिल्ली में यह संकट सबसे गंभीर हो सकता है। प्रदूषण के कारण भी पावर प्लांट बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में दिल्ली की बिजली के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भरता बढ़ गई है जहां कोल प्लांट के माध्यम से बिजली उत्पादित की जाती है।
एनटीपीसी के तमाम प्लांट से दिल्ली को 4000 मेगा वाट के करीब बिजली मिलती थी जिसकी आपूर्ति घटकर 50% के करीब रह गई है। कहा जाए तो दिल्ली की जरूरत के लिहाज से आधी बिजली भी उसे नहीं मिल पा रही है। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार आमने-सामने आ गए हैं।
केंद्र का कहना है कि कोयले की सप्लाई सुचारु रूप से जारी है। वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि इन प्लांटों को पर्याप्त कोयला नहीं मिल रहा है। बिजली प्लांट 55 प्रतिशत क्षमता पर काम कर रहे हैं।
दूसरी ओर रेलवे ने देश को बिजली संकट से बचाने के लिए 24 घंटे सेवा जारी रखने का बड़ा कदम उठाया है। पावर प्लांट तक कोयला पहुंचाने के लिए रेलवे 24 घंटे ट्रेन चला रहा है। राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने कोयले की कमी को आपातकाल घोषित कर दिया है। रेलवे के सभी जोनल प्रमुख, मुख्य परिचालन प्रबंधक को निर्देश दिए गए हैं कि वह 24 घंटे ऑपरेशन कंट्रोल रूम को तैयार रखें।
सोमवार को रेलवे में लोड होने वाले कोयले की संख्या बढ़कर 440 – 450 हो गई है। सोमवार को 1.77 टन कोयला ट्रांसफर किया गया जबकि यह संख्या पिछले साल इसी दिन 1.48 थी।
रेलवे ने आश्वासन दिया है कि बिजली घरों को कोयले की जितनी आवश्यकता है रेलवे उतना कोयला पहुंचाने के लिए तैयार है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह स्थिति एक या 2 दिन में सामान्य नहीं हो पाएगी लेकिन हम कोयला परिवहन की मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।