ब्लैक फंगस की दवाओं का इंतेज़ाम करे पीएम मोदी: सोनिया गांधी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को भारत में बढ़ते ब्लैक फंगस के केस को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है, सोनिया गांधी ने पत्र में PM से आग्रह किया है कि ब्लैक फंगस बहुत तेज़ी से बढ़ता जा रहा है ऐसे में उसके क़हर से देशवासियों को बचाने के लिए पर्याप्त मेडिसिन का बंदोबस्त किया जाए।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार सोनिया गांधी ने भारत में बढ़ते म्यूकर मायकोसिस यानी ब्लैक फंगस के केस प्रतिदिन बढ़ते देख ज़रूरी दवाओं की कमी को लेकर चिंता जताते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि इस ख़तरनाक फंगस की बीमारी से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए तुरंत ज़रूरी क़दम उठाए जाएं।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र में ज़िक्र किया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के लिए कहा है, सोनिया गांधी ने कहा कि इसे महामारी घोषित करने का अर्थ यह है कि उसके इलाज के लिए ज़रूरी दवाओं और उपचार के साधन का पर्याप्त उत्पादन और आपूर्ति ज़रूरी है, और साथ ही मरीज़ों की फ़्री में देखभाल की जानी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने ज़ोर देते हुए कहा कि एम्फोटेरीसिन-बी एक बीमारी है जिसकी दवाई का उपलब्ध कराना ज़रूरी है, ऐसी ख़बरें हैं कि इस बीमारी की दवा की बाज़ार में भारी कमी है और साथ ही यह बीमारी आयुष्मान भारत और किसी अन्य बीमा कंपनी के तहत कवर भी नहीं है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि म्यूकर मायकोसिस (ब्लैक फंगस) से ग्रस्त लोगों को राहत देने के लिए तुरंत क़दम उठाए जाएं, साथ ही इस बीमारी को आयुष्मान भारत और दूसरे स्वास्थ्य बीमा में कवर किए जाने का भी आग्रह किया है।
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने कहा कि आज सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एंफोटेरिसिन-बी की टोटल 23680 शीशियां आवंटित की गई हैं, और यह आवंटन टोटल मरीज़ों की तादाद के हिसाब से किया गया है, देश में मौजूदा समय में कुल 8848 मरीज़ हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ब्लैक फंगस से होने वाली बीमारी म्यूकर मायकोसिस के इलाज में काम आने वाली दवा एंफोटेरिसिन-बी के उत्पादन के पांच और कंपनियों को लाइसेंस दिया गया है और वह जुलाई से प्रतिमाह इस दवा की 1,11,000 शीशियों का उत्पादन शुरू कर देंगी।
साथ ही म्यूकर मायकोसिस के फैलने को चिंता का कारण बताते हुए सभी प्रदेशों और केंद्रशासित राज्यों को सलाह दी है कि वह फंगस के संक्रमण को रोकने की अपनी तैयारियों और अस्पतालों में इलाज और साफ़ सफ़ाई की समीक्षा करें।