पीएम मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के 455 एकड़ के परिसर का उद्घाटन किया
नालंदा विश्वविद्यालय: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के नालंदा में 455 एकड़ के नए नालंदा विश्वविद्यालय परिसर का उद्घाटन किया। यह समारोह ऐतिहासिक महत्व का था, क्योंकि नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन काल से ही ज्ञान का प्रमुख केंद्र रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्जीवन भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली को आधुनिक समय के साथ जोड़ने का प्रतीक है।
समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विश्वविद्यालय भारत के गौरवशाली इतिहास और शिक्षा परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है। प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय की नई इमारतों और अत्याधुनिक सुविधाओं की प्रशंसा की, जो छात्रों को एक उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण प्रदान करेंगी।
नालंदा विश्वविद्यालय का यह नया परिसर अत्याधुनिक तकनीक और पारंपरिक भारतीय वास्तुकला का एक अनूठा संगम है। इसमें छात्रों के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिनमें अत्याधुनिक पुस्तकालय, अनुसंधान केंद्र, आवासीय सुविधाएं और खेलकूद के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं शामिल हैं। विश्वविद्यालय का उद्देश्य वैश्विक शैक्षणिक मानकों को पूरा करते हुए छात्रों को उच्चतम गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में इस बात पर भी जोर दिया कि नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार भारत के शैक्षिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय न केवल भारतीय छात्रों के लिए, बल्कि दुनिया भर के छात्रों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय ज्ञान और संस्कृति के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा।
समारोह के दौरान, विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों और शिक्षाविदों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए और विश्वविद्यालय की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार हमारे देश के शैक्षिक और सांस्कृतिक महत्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सहायक होगा। इस प्रकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय के 455 एकड़ के परिसर का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना बन गई है, जो हमारे देश की शैक्षिक धरोहर को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा प्रणाली को भी प्रोत्साहित करेगी।