एलन मस्क की कंपनी टेस्ला को पीएम मोदी, गृहमंत्री ने तेलंगाना में निवेश करने से रोक दिया: रेवंत रेड्डी
तेलंगाना: टेस्ला के सीईओ और दुनिया के चौथे सबसे बड़े कारोबारी एलन मस्क का भारत दौरान रविवार से शुरू हो रहा है। एलॉन मस्क सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी के साथ मुलाकात में एलन मस्क 20से 30 बिलियन डॉलर के निवेश रोडमैप की रूपरेखा पेश करेंगे। इस दौरान वह टेस्ला के प्लांट के साथ-साथ बैटरी उत्पादन सुविधा की स्थापना पर निवेश का भी ऐलान कर सकते हैं। भारत यात्रा के दौरान एलन मस्क टेस्ला की इकाई लगाने के लिए स्थान का भी चयन करेंगे।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बड़ा दावा किया है कि एलन मस्क की कंपनी टेस्ला तेलंगाना में निवेश करना चाहती थी लेकिन, पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें ऐसा करने से रोका। रेड्डी ने कहा कि शाह और मोदी ने मस्क की कंपनी को गुजरात में इनवेस्ट करने का दबाव डाला। एक इंटरव्यू में कांग्रेस नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि फॉक्सकॉन और टेस्ला को तेलंगाना छोड़ने के लिए केंद्र की तरफ से दबाव डाला गया था।
रेड्डी ने सवाल किया कि “क्या तेलंगाना भारत का हिस्सा नहीं है? वे (टेस्ला) तेलंगाना में निवेश करना चाहते थे, लेकिन ऐसा होने नहीं दिया। हम जानते हैं कि कंपनी से कैसे बात करनी है। मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के खिलाफ हमला बोलते हुए रेड्डी ने कहा, “पीएम मोदी और अमित शाह सोचते हैं कि केवल गुजरात ही भारत है। ऐसा नहीं है। अन्य राज्य भी हैं। उनके पास भी अधिकार हैं।
रेड्डी ने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा लगातार दक्षिणी राज्यों की उपेक्षा की जाती है। रेड्डी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में तेलंगाना के सांसदों के प्रतिनिधित्व पर भी सवाल उठाया। रेड्डी ने कहा, “42 तेलुगु भाषी सांसद हैं लेकिन उनमें से केवल एक कैबिनेट मंत्री है। हालांकि, गुजरात में 26 सांसद हैं और उनमें से सात केंद्रीय मंत्री हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश से उन्होंने 12 केंद्रीय मंत्री बनाए हैं।” रेड्डी ने कहा, “मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी की नजर में दक्षिण भारत के लोग दोयम दर्जे के नागरिक हैं।”