नितेश राणे के भड़काऊ बयान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
मुंबई: सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिमों के खिलाफ लगातार जहर उगलने और कई एफआईआर दर्ज होने के बावजूद नितेश राणे के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने पर जमील मर्चेंट ने याचिका दायर की है। इस याचिका में नितेश राणे को तुरंत गिरफ्तार करने और पैगंबर मुहम्मद की शान में गुस्ताखी करने वाले राम गिरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में मुख्य रूप से चार मांगें की गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में मांग:
1.पहली यह कि नितेश राणे को इस याचिका पर निर्णय आने तक और कोई भड़काऊ भाषण या नफरत भरे बयान देने से रोका जाए, खासकर उन बयानों से, जिनका मकसद सांप्रदायिक हिंसा फैलाना या विभिन्न धर्मों के बीच दुश्मनी पैदा करना है।
2.दूसरी मांग में राज्य के अधिकारियों को निर्देश देने की बात कही गई है कि वे नितेश राणे के खिलाफ तुरंत और उचित कार्रवाई करें और दर्ज एफआईआर के आधार पर उनकी गिरफ्तारी की जाए।
3.तीसरी मांग है कि पूरे भारत में नफरत भरे भाषणों पर रोक लगाने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए जाएं। और चौथी मांग में अदालत से मामले के तथ्यों के अनुसार उचित आदेश जारी करने की अपील की गई है। सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई और अंतरिम आदेश जारी करने के लिए 24 सितंबर की तारीख तय की गई है।
जमील मर्चेंट की तरफ से यह याचिका वरिष्ठ वकील एजाज मक़बूल ने दाखिल की है। जमील मर्चेंट का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना इसलिए पड़ा क्योंकि कई एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसा लगता है कि सरकार का समर्थन मिल रहा है, वरना किसी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज होते ही चंद घंटों में आरोपी की गिरफ्तारी हो जाती है।
नितेश राणे के मामले में ऐसा क्या है कि मुंबई के विभिन्न पुलिस थानों में गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज होने के बावजूद नितेश राणे तक कानून के हाथ नहीं पहुंच सके हैं? इसी वजह से उनकी जहर उगलने की गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से सकारात्मक फैसला आएगा और इस पर रोक लगेगी।