राम गिरि और नीतीश राणे के खिलाफ कार्रवाई के लिए कोर्ट में याचिका दाख़िल
ठाणे: भाजपा विधायक नितेश राणे द्वारा मुसलमानों को मस्जिद में घुसकर मारने की धमकी देने और खुद को महंत बताने वाले राम गिरी द्वारा पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहे व आलेही वसल्लम) की शान में की गई अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने पर ठाणे सेशन कोर्ट में एक प्राइवेट याचिका दायर की गई है। इस याचिका में अदालत से मांग की गई है कि पुलिस को आदेश दिया जाए कि वे राम गिरी और नितेश राणे के खिलाफ उचित कार्रवाई करें।
यह याचिका मुंब्रा के वरिष्ठ नेता सैयद अली अशरफ, जिन्हें भाई साहब के नाम से भी जाना जाता है, द्वारा दायर की गई है। याचिका में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के उस रवैये पर भी सवाल उठाया गया है, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक रूप से राम गिरी को समर्थन और सुरक्षा देने की घोषणा की थी, बजाय इसके कि वे उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश देते। याचिका में मुख्यमंत्री शिंदे को भी इस मामले में दोषी ठहराया गया है, क्योंकि उन्होंने संवैधानिक पद पर रहते हुए राम गिरी जैसे व्यक्ति को संरक्षण प्रदान किया, जिसने पैगंबर मोहम्मद (ल्लल्लाहु अलैहे व आलेही वसल्लम) के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए और मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, एडवोकेट जज़ील नोरंगे ने इस याचिका के कानूनी पहलुओं पर रोशनी डालते हुए कहा कि “प्राइवेट याचिका दाखिल करने का उद्देश्य यह है कि कोर्ट द्वारा आरोपी व्यक्तियों को समन भेजा जाए और उनसे पूछताछ की जाए, जैसा कि भिवंडी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले में हुआ था।” नोरंगे ने यह भी बताया कि दोनों पक्षों को नोटिस भेजी जा चुकी है और कोर्ट इस मामले की सुनवाई 19 सितंबर को करेगी।
इस अवसर पर सैयद अली अशरफ ने कहा, “राज्य भर में राम गिरी के खिलाफ कई पुलिस स्टेशनों में एफआईआर दर्ज हैं, लेकिन राज्य सरकार और गृह मंत्रालय की निष्क्रियता के कारण कोई भी सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। मुख्यमंत्री ने जिस तरह से संवैधानिक पद का दुरुपयोग करते हुए राम गिरी का समर्थन किया है, यह न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया का अपमान भी है। हमें उम्मीद है कि न्यायपालिका इस मामले में निष्पक्षता से काम करेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।”