अयोध्या में बाहर के लोगों ने मुनाफ़ा कमाने के लिए बड़े स्तर पर ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त की: अखिलेश यादव
अयोध्या में बने राम मंदिर और लोकसभा चुनावों में यहां (फैजाबाद सीट) से बीजेपी की हार ने पहले ही चर्चाओं का बाजार गर्म रखा है। इसी बीच यहां से आई एक खबर भी बहस का विषय बनी हुई है। लोग सोशल मीडिया पर इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट साझा कर रहे हैं, जिसमें अयोध्या में हाल-फिलहाल की गई जमीन खरीदारी की जानकारी दी गई है। अयोध्या के राम मंदिर और इसके लिए यहां हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास ने यहां के प्रॉपर्टी मार्केट में बूम ला दिया है। जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं। इसी बीच इंडियन एक्सप्रेस ने उन मशहूर लोगों के नाम सामने लाए हैं, जिन्होंने खुद या अपने परिवार के जरिए मौके पर चौका मारा है औरअयोध्या में जमीन खरीदी है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से जब साल 2019 में यूपी के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को हरी झंडी मिल गई थी, तब से वहां कथित मुनाफा कमाने के लिए जमीन की जमकर खरीद फरोख्त की बात भी सामने आई थी, राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या को एक बड़े धार्मिक टूरिज्म हब के तौर पर तैयार करने का काम चल रहा है। इस वजह से यहां जमकर निवेश हो रहा है। हैरानी की बात ये है कि खरीददारों की लिस्ट में किसी और का नहीं बल्कि बड़े बड़े नेता, अधिकारी, बड़े बड़े रसूकदार और उनके करीबीयों का नाम है।
रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में जमीन खरीदने वालों में से अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौना मीन का परिवार भी शामिल है। उपमुख्यमंत्री चौना मीन के बेटों चौ कान सेंग मीन और आदित्य मीन ने सितंबर 2022 और सितंबर 2023 के बीच यह खरीदारी की है। इनके परिवार ने सरयू नदी के पार महेशपुर (गोंडा) में राम मंदिर से करीब 8 किलोमीटर दूर 3.99 हेक्टेयर जमीन 3.72 करोड़ रुपये में खरीदी। वहीं 25 अप्रैल 2023 को उन्होंने 0.768 हेक्टेयर जमीन 98 लाख रुपये में बेची। इसी साल जून में चौना मीन ने अरुणाचल मंत्रिमंडल में एक बार फिर से उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।
कैसरगंज से मौजूदा सांसद करण भूषण भी शामिल
अयोध्या में जमीन खरीदने वाले वालों में भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह का परिवार भी शामिल है। बृज भूषण सिंह के बेटे और कैसरगंज से मौजूदा सांसद करण भूषण नंदिनी इंफ्रास्ट्रक्चर के मालिक हैं। नंदिनी इंफ्रास्ट्रक्चर ने पिछले साल जनवरी में मंदिर से 8 किलोमीटर दूर महेशपुर (गोंडा) में 0.97 हेक्टेयर जमीन 1.15 करोड़ रुपये में खरीदी थी। उन्होंने जुलाई 2023 में 635.72 वर्ग मीटर को 60.96 लाख रुपये में बेच दी।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर अयोध्या में अरबों रुपये के कथित भूमि घोटाले को लेकर अपनी बात रखी और मांग की है कि इसकी जांच की जानी चाहिए। पूर्व यूपी सीएम अखिलेश यादव ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक्सक्लूसिव खबर का हवाला देते हुए कहा है कि जैसे-जैसे अयोध्या की ज़मीन के सौदों का भंडाफोड़ हो रहा है, उससे ये सच सामने आ रहा है कि बीजेपी राज में अयोध्या के बाहर के लोगों ने मुनाफ़ा कमाने के लिए बड़े स्तर पर ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त की है।
पिछले 7 सालों से सर्किल रेट न बढ़ाना, स्थानीय लोगों के ख़िलाफ़ एक आर्थिक षड्यंत्र है
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि सरकार द्वारा पिछले 7 सालों से सर्किल रेट न बढ़ाना, स्थानीय लोगों के ख़िलाफ़ एक आर्थिक षड्यंत्र है। इसकी वजह से अरबों रुपये के भूमि घोटाले हुए हैं। यहां आस्थावानों ने नहीं बल्कि भू-माफ़ियाओं ने ज़मीनें ख़रीदी हैं। इन सबसे अयोध्या-फ़ैज़ाबाद और आसपास के क्षेत्र में रहनेवालों को इसका कोई भी लाभ नहीं मिला। ग़रीबों और किसानों से औने-पौने दाम पर ज़मीन लेना, एक तरह से ज़मीन हड़पना है। हम अयोध्या में तथाकथित विकास के नाम पर हुई ‘धांधली’ और भूमि सौदों की गहन जाँच और समीक्षा की मांग करते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर 2019 में राम मंदिर निर्माण की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लेकर मार्च 2024 तक भूमि रजिस्ट्री को लेकर की गई रिपोर्ट से पता चलता है कि अयोध्या और आसपास के जिले गोंडा और बस्ती के कम से कम 25 गांवों में भूमि लेनदेन की संख्या में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जो मंदिर के 15 किलोमीटर के दायरे में आते हैं। इनमें से कई सौदे परिवार के सदस्यों या विभिन्न दलों के राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों से करीबी तौर पर जुड़े लोगों द्वारा किए गए हैं। अयोध्या और आसपास जमीन खरीदने वालों में डिप्टी सीएम से लेकर कई बड़े उद्योगपति भी शामिल हैं।