प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला पार्टी लेगी: शिवराज सिंह
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनाना है। पार्टी को भारी मतों से इसे जिताना है। प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन होगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं अपना काम कर रहा हूं, इसका फैसला पार्टी आलाकमान को लेना है।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन होगा के सवाल पर बेहद संभलते हुए उन्होंने इस पर जवाब दिया कि भाजपा एक बड़ा मिशन है। गौरवशाली, समृद्ध, वैभवशाली, शक्तिशाली भारत बनाने के लिए सरकार बनना जरूरी है। शिवराजसिंह चौहान ने कांग्रेस की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में पूरा प्रदेश बर्बाद हो गया था। आज हमारे शासन में बीमारू राज्य देश के विकसित राज्यों में शुमार हो गया है।
वरिष्ठ पत्रकार व माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति दीपक तिवारी ने अपनी किताब राजनीतिनामा मध्यप्रदेश (2003-2018) भाजपा युग में, खुलासा किया कि प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, शिवराज सिंह चौहान को कृषि मंत्री बनाना चाहते थे। शिवराज, संघ की भी पहली पसंद थे और मोदी अपनी पहली कैबिनेट को बेहद ताकतवर बनाना चाहते थे, इसलिए शिवराज केंद्र में मंत्री के रूप में पहली पसंद थे।
बता दें कि कई मंचों पर पार्टी ने साफ किया है कि मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव डबल इंजन की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फेस पर लड़ा जा रहा है। हालांकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अगले सीएम की रेस में खुद को बनाए हुए हैं और वह प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में जनता से ही पूछ बैठे थे कि अगला मुख्यमंत्री शिवराज मामा को बनना चाहिए कि नहीं?
लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि सीएम की कुर्सी का फैसला चुनाव जीतने के बाद ही होगा और इसमें आलाकमान की पसंद सर्वोच्च होगी। इसी लिए मुख्यमंत्री की बात पर शिवराज सिंह चौहान बहुत संभल कर बयान दे रहे हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ रहे दिग्गजों की बात की जाए तो सभी अपने-अपने जाति और वर्ग के बड़े नेता हैं। पार्टी ने इन दिग्गज नेताओं के नाम पर मतदाताओं को साधने की बड़ी रणनीति तैयार की है।