सेंगोल को संसद से हटाने की मांग पर पप्पू यादव ने सपा सांसद का समर्थन किया
नई दिल्ली: स्पीकर चुनाव के बाद आज (27 जून) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इसी बीच संसद में स्थापित किए गए सेंगोल पर भी सियासत होने शुरू हो गई। विपक्षी दलों के कई सांसदों ने सदन में लोकसभा स्पीकर की कुर्सी के पास रखे सेंगोल को वहां से हटाने की मांग की। समाजवादी पार्टी ने सेंगोल को राजशाही बताया और कहा कि उसकी जगह संसद भवन में नहीं बल्कि उसकी जगह पर संविधान को स्थापित कर देना चाहिए।
सपा के राज्यसभा सांसद आरके चौधरी ने सेंगोल को हटाकर संविधान को स्पीकर पद के पास रखने की मांग की और कहा कि संविधान महत्वपूर्ण है और वह लोकतंत्र का प्रतीक है। पिछले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में सेंगोल को स्थापित किया था। सेंगोल का मतलब होता है राज दंड यानी कि राजा का डंडा। उन्होंने आगे कहा कि सियासती व्यवस्था को खत्म करके देश आजाद हुआ तो देश राजा के डंडे से चले गए या संविधान से आरके चौधरी ने कहा कि मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए सेंगोल को संसद से हटा दिया जाए।
सेंगोल राजशाही का प्रतीक है, देश का प्रतीक नहीं
संसद भवन में बतौर सांसद शपथ लेने के बाद सत्ता पक्ष के एमपी को हड़काने वाले पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने अब एक मसले पर समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया है। सपा सांसद आरके चौधरी द्वारा सेंगोल को संसद से हटाने की मांग पर यादव ने कहा है कि ये मांग बिल्कुल ठीक है। उन्होंने कहा कि सेंगोल हमारे देश का प्रतीक कतई नहीं है। सांसद पप्पू यादव ने सेंगोल पर सपा सांसद आरके यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सेंगोल हमारे देश का प्रतीक नहीं है। यह राजशाही का प्रतीक है। सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह मांग एकदम सही है और इस पर विचार होना चाहिए। इस तरह पप्पू यादव ने आरके चौधरी के बयान का पूरी तरह से समर्थन किया।
ये राजतंत्र नहीं, लोकतांत्रिक देश है: मीसा भारती
सेंगोल को लेकर सपा सांसद आर के चौधरी की टिप्पणी पर राजद की सांसद मीसा भारती ने कहा है कि इसे हटा देना चाहिए। मीसा भारती ने कहा कि ये कोई राजतंत्र तो है नहीं, यह एक लोकतांत्रिक देश है। इसे तो संग्रहालय में रखा जाना चाहिए जहां लोग आकर उसे देख सकें। उन्होंने कहा, जिसने भी ये मांग की है, हम उसका पूरा सपोर्ट करेंगे।