पूर्णिया सीट आरजेडी को मिलने पर पप्पू यादव ने निर्दलीय भरा पर्चा
पूर्व सांसद पप्पू यादव ने गुरुवार को पूर्णिया सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार अपना पर्चा दाखिल कर दिया है। बिहार की पूर्णिया सीट इन दिनों लगातार चर्चा के केंद्र में बनी हुई है। पप्पू यादव के चुनावी मैदान में आने से इस सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है।
इस सीट पर महागठबंधन की ओर से राजद ने बीमा भारती को अपना उम्मीदवार बनाया गया है। पूर्णिया सीट पर एनडीए की तरफ से जदयू ने संतोष कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होना है। ऐसे में चुनावी माहौल गर्म हो चुका है।
पप्पू यादव पिछले महीने बड़ी उम्मीद से कांग्रेस में शामिल हुए थे कि उन्हें पूर्णिया सीट से कांग्रेस का टिकट मिलेगा। लेकिन सीटों के बंटवारे में पूर्णिया सीट राजद के खाते में चली गई थी।
इस सीट से बतौर निर्दलीय पर्चा दाखिल करने के बाद पप्पू यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि बहुत सारे लोगों ने मेरी राजनैतिक हत्या की साजिश की है। उन्होंने कहा है कि मुझे कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा। मैं इंडिया गठबंधन को मजबूत करूंगा, मेरा संकल्प राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना है।
वहीं कांग्रेस ने पप्पू यादव द्वारा नामांकन दाखिल करने पर कहा है कि वो कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नहीं हैं। सीटों के बंटवारे में पार्टी को 9 सीट मिली है जिसमें पूर्णिया सीट नहीं है। कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि पूर्णिया में बीमा भारती ही इंडिया गठबंधन की संयुक्त उम्मीदवार हैं, इसलिए कांग्रेस के कार्यकर्ता बीमा भारती को ही जीतवाएंगे।
पप्पू यादव के जीतने या दूसरो का खेल बिगाड़ने को लेकर राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर पप्पू यादव को कांग्रेस का टिकट मिल जाता तो उनके जीतने की संभावना काफी अधिक हो सकती थी। कांग्रेस का टिकट मिलने पर उन्हें कम से कम मुस्लिम वोट अच्छी तादात में मिल सकता था।
अब जो स्थिति बनी है उसमें पप्पू यादव इस चुनावी मैदान में बिल्कुल अकेले खड़े हैं। अगर चुनाव के दौरान पूर्णिया में वोटों का धुर्वीकरण हुआ और एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन की लड़ाई तेज हुई तो पप्पू यादव के लिए चुनाव जीतना बेहद मुश्किल हो जायेगा।