सीतारमण के बजट को विपक्ष ने बताया सपना, कहा ग़रीबों के लिए कुछ नहीं
केंद्र की मोदी सरकार ने देश का आम बजट पेश किया। इस दौरान वित्तमंत्री ने कई बड़े लोकलुभावने वादे किए। आपको बता दे कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी सरकार का ये आखिरी पूर्णकालिक बजट था। वित्तमंत्री द्वारा पेश किए गए इस बजट पर अब विपक्ष की प्रतिक्रिय भी आने लगी है।
कांग्रेस समेत कई विपक्षी नेता इस बजट से नाखुश नजर आए। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष कुमारी मायावती ने इस बजट पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट में ग़रीबों के लिए कुछ भी नहीं है। यह बजट केवल एक दिखावा है।
मायावती ने कहा,”इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं. पिछले साल की कमियाँ कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दांव पर लगा रहता है जैसे पहले था. लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?”
उधर, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह बजट वही है जो पिछले 8-9 साल से आ रहा था। टैक्स बढ़ाए गए, कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी पर पैसा खर्च नहीं किया जा रहा है। कुछ सांठगांठ वाले पूंजीपतियों और बड़े कारोबारियों के लिए टैक्स वसूला जा रहा है। जनता को टैक्स से फायदा होना चाहिए, लेकिन इससे उसकी कमर टूट रही है।
वहीं JDU सांसद राजीव रंजन ने कहा कि इस बजट में कुछ भी नहीं है। यह ‘सपनों का सौदागर’ जैसा है। उन्होंने कहा कि जब आप सपने के बाद जागते हैं तो कुछ भी सच नहीं होता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी को कैसे नियंत्रित किया जाए, इस बारे में इस बजट में कुछ भी नहीं बताया गया।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगई ने कहा कि इस बजट से गरीब को सिर्फ शब्द और लफ्फाजी मिली। मंहगाई, बेरोजगारी का कोई समाधान नहीं। उन्होंने आगे कहा कि बजट का फायदा बड़े उद्योगपतियों को ही होता है। टैक्स पर गोगोई ने कहा कि महंगाई को देखते हुए 7 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मध्यम वर्ग के लिए समुद्र में बूंद की तरह है।
बजट पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि मैंने वित्त मंत्री को कई बार कहा है कि जब भी बजट बनाएं तो अनुच्छेद 39 को देख लें। संविधान से आंखें मूंद कर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा। रोजगार के लिए आपने गोल-गोल बातें की। ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है। कांग्रेस सांसद के सुरेश कहा कि बजट 2023 कॉर्पोरेट समर्थक बजट है। इस बजट में अडानी के सारे हित पूरे हैं, लेकिन आम आदमी की उपेक्षा की गई है. यह बजट अडानी, अंबानी, गुजरात के लिए है।