ओआईसी ने असम कांड को लेकर की भारत सरकार की आलोचना

ओआईसी ने असम कांड को लेकर की भारत सरकार की आलोचना असम के दरांग जिले में पुलिस के बर्बर बल प्रयोग एवं मृत व्यक्ति के शव के साथ तथाकथित पत्रकार की बर्बरता के मामले ने दुनियाभर में देश को शर्मिंदा किया था।

आईओसी ने इसी घटना का उल्लेख करते हुए भारत में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ उत्पीड़न और बढ़ती हिंसा की निंदा की है। दरांग जिले में अतिक्रमण हटाने के दौरान स्थानीय नागरिकों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ था जिसमें पुलिस की ओर से बर्बर बल प्रयोग के नतीजे में 2 लोगों की जान चली गई थी।

इस हिंसा के दौरान ढोलपुर गोरुखुटी क्षेत्र के एक व्यक्ति की मौत के बाद एक फोटोग्राफर पत्रकार का शव के साथ बर्बरता करने का वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद विपक्ष, मानव अधिकार संगठनों और विश्व स्तर पर इस मामले की तीखी आलोचना हुई थी तथा केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया था।

इस्लामिक सहयोग संगठन ओआईसी ने इस घटना का उल्लेख करते हुए भारत में मुस्लिम समुदाय के उत्पीड़न और उनके खिलाफ बढ़ती हिंसा की निंदा की है।

 

इस्लामिक सहयोग संगठन ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि ओआईसी के जनरल सेक्रेटरी ने भारत के नॉर्थ ईस्ट राज्य असम में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ व्यवस्थित तरीके से चल रहे उत्पीड़न और हिंसा की आलोचना की है। राज्य के सैकड़ों मुस्लिम परिवारों से घर खाली कराए जाने के दौरान हुए प्रदर्शन में कई मुस्लिमों की जान चली गई।

ओआईसी ने एक अन्य ट्वीट करते हुए कहा कि इस मामले में मीडिया रिपोर्ट्स शर्मनाक हैं। भारत सरकार और अधिकारियों को इस मामले में जिम्मेदारी भरा रवैया अपनाना चाहिए।

ओआईसी ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भारत सरकार को मुस्लिम अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी चाहिए और उनकी धार्मिक एवं सामाजिक मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए। किसी भी राष्ट्रीय संप्रभुता वाले देश में बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने का तरीका सबसे बेहतर होता है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अभी तक ओआईसी के बयान पर कोई टिप्पणी या प्रतिक्रिया नहीं दी है।

याद रहे कि कश्मीर मुद्दे को लेकर पिछले महीने ही पाकिस्तान ने ओआईसी से आग्रह किया था कि इस्लामिक सहयोग संगठन कश्मीर विवाद के स्थाई समाधान के लिए अपने प्रयासों में तेजी लेकर आए।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने न्यूयॉर्क में ओआईसी कॉन्ट्रैक्ट ग्रुप की मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा था कि कश्मीरियों की उम्मीद ओआईसी और मुस्लिम एकता पर टिकी हुई है। कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र समेत सभी महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाए जाने की जरूरत है।

 

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