अब प्लेटफॉर्म टिकट पर नहीं लगेगा जीएसटी, जीएसटी काउंसिल का फैसला
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 53वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग की बैठक में बड़े फैसले किए। वित्तमंत्री की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। वित्त मंत्री ने भारतीय रेलवे की कई सेवाओं की जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया तो वहीं दूध के कौन समेत कई वस्तुओं पर 12 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में जीएसटी काउंसिल की ये पहली बैठक थी।
शनिवार को हुई 53वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग के बाद बताया कि इंडियन रेलवे की कई सेवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है। अब प्लेटफॉर्म टिकट पर जीएसटी नहीं लगेगा। इसके साथ ही सोलर कुकर और स्टील एवं एल्यूमिनियम से बने मिल्क कैन पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा पेपर और पेपर बोर्ड से बने कार्टन पर भी 12 फीसदी जीएसटी लगाने की सिफारिश की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमने कारोबार को बढ़ाने और टैक्स देने वालों को राहत पहुंचाने के लिए कई फैसले लिए हैं।
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्तमंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई मुद्दे थे। हालांकि समय की कमी के कारण कुछ पर चर्चा नहीं हो सकी है। वित्त मंत्री ने कहा कि बाकी एजेंडे पर चर्चा के लिए काउंसिल की अगली बैठक अगस्त में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस बैठक में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने फर्जी बिलों पर रोक लगाने के लिए पूरे भारत में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण लागू करने का निर्णय लिया है। बताया कि इससे फर्जी बिलों के जरिए किए गए धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों से निपटने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री और जीएसटी परिषद की अध्यक्ष निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘वित्त वर्ष 17-18, 18-19, 19-20 और 20-21 के लिए 30-11-2021 तक दायर सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16 (4) के तहत किसी भी चालान या डेबिट नोट के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने की समय सीमा 2011 से 2021 मानी जा सकती है। इसलिए 1 जुलाई 2017 से पूर्वव्यापी रूप से समान आवश्यक संशोधन के लिए, परिषद ने एक सिफारिश की है।’ नई सरकार के गठन के बाद जीएसटी परिषद की यह पहली बैठक थी।
सरकारी मुकदमेबाजी को कम करने के लिए, विभाग द्वारा अपील दायर करने के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, उच्च न्यायालयों के लिए 1 करोड़ रुपये, तथा उच्चतम न्यायालयों के लिए 2 करोड़ रुपये की मौद्रिक सीमा की सिफारिश की गई है। वहीं रेलवे सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है। वित् मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं जैसे प्लेटफॉर्म टिकट, बैटरी चालित कार सेवाओं आदि को जीएसटी से छूट दी गई है।