क़ानूनी सलाह लेकर एनसीपी तोड़ी है, अयोग्य नहीं होंगे: भुजबल
छगन भुजबल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री और मंत्री पद की शपथ लेने से पहले दो तीन कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली गई ताकि सरकार में शामिल होने पर उन्हें अयोग्य ना ठहराया जा सके। साथ ही पार्टी के संविधान और मतदान नियमों का भी पालन किया गया है।
छगन भुजबल ने ये भी कहा कि पार्टी के पोस्टर्स में शरद पवार की तस्वीर इस्तेमाल करनी है या नहीं, इसका फैसला अजित पवार और अन्य नेता करेंगे। बता दें कि बुधवार को मुंबई में जब अजित पवार गुट की बैठक हुई तो वहां जो पोस्टर लगे थे, उनमें शरद पवार की तस्वीर भी थी।
अजित पवार गुट ने अचानक एनसीपी तोड़ने का फैसला नहीं किया बल्कि सोच समझकर और पूरी तैयारी से ऐसा किया गया है। उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले अजित पवार और उनके सहयोगियों से कानूनी विशेषज्ञों से सलाह भी थी ताकि अयोग्य ठहराए जाने से बच सकें। अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने यह जानकारी दी है। भुजबल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।
इस दौरान भुजबल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री और मंत्री पद की शपथ लेने से पहले दो तीन कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली गई ताकि सरकार में शामिल होने पर उन्हें अयोग्य ना ठहराया जा सके। साथ ही पार्टी के संविधान और मतदान नियमों का भी पालन किया गया है। छगन भुजबल ने ये भी कहा कि पार्टी के पोस्टर्स में शरद पवार की तस्वीर इस्तेमाल करनी है या नहीं, इसका फैसला अजित पवार और अन्य नेता करेंगे।
बता दें कि बुधवार को मुंबई में जब अजित पवार गुट की बैठक हुई तो वहां जो पोस्टर लगे थे, उनमें शरद पवार की तस्वीर भी थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा कि उनकी तस्वीर का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बाद ही होना चाहिए और सिर्फ उन्हीं लोगों द्वारा उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो उनकी विचारधारा को मानते हैं।
एनसीपी (अजित गुट) के नेता छगन भुजबल ने दावा किया कि 42-43 विधायकों ने अजित पवार के समर्थन में हलफनामे पर हस्ताक्षर किए हैं। छगन भुजबल उन नौ नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने अजित पवार के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने का फैसला किया है।