पाकिस्तान आम चुनाव में नवाज शरीफ का जीतना लगभग तय
आर्थिक तंगी और आतंकवाद समेत कई गंभीर मुद्दों से जूझ रहे पाकिस्तान में आम चुनाव होने वाले हैं। पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए मतदान गुरुवार (8 फरवरी 2024) को होना है। मौजूदा समय में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सलाखों के पीछे हैं। वह अपनी पार्टी का वहीं से नेतृत्व कर रहे हैं। नवाज शरीफ के लंदन से पाकिस्तान लौट आने से चुनाव इस बार दिलचस्प होने की उम्मीद है। बता दें कि देश में करीब 4 साल बाद उनकी वापसी हुई है।
पाकिस्तान में चुनाव नाम का चुनाव है। क्योंकि वहां सेना जिसको चाहती है, वही सत्ता में आता है। पाकिस्तान को तमाम तरह की बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है – जिसमें आर्थिक अनिश्चितता, लगातार आतंकवादी हमले खास हैं। पाकिस्तान पर यह धब्बा लगा हुआ है कि वहां लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री ने कभी भी पूर्ण कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
71 वर्षीय इमरान खान एक पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टार हैं, जो विवादों के तूफान में सत्ता से बेदखल होने से पहले पाकिस्तान के सर्वोच्च राजनीतिक पद तक पहुंचे थे। लेकिन अब पूर्व प्रधान मंत्री को कई मामलों में सजा सुनाकर जेल में डाल दिया गया है। वो अब चुनाव भी नहीं लड़ सकते।
वहीं, बिलावल भुट्टो की पार्टी भी पूरी जी जान के साथ मैदान में है। यही नहीं कई अन्य निर्दलीय भी जीत हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। पीटीआई के संस्थापक पूर्व क्रिकेटर इमरान खान हैं। मौजूदा समय में वह जेल में कैद हैं। ऐसी स्थिति में गौहर अली खान पार्टी की अगुवाई कर रहे हैं। पीटीआई को 2018 में जीत मिली थी। जिसके बाद इमरान खान पहली बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे, हालांकि, पाकिस्तानी सेना के उनके खिलाफ होने से पीएम पद से हटना पड़ा।
इमरान के न होने पर चुनाव प्रचार में स्पष्ट रूप से सबसे आगे खान साहब के सबसे बड़े दुश्मन नवाज शरीफ हैं। 74 वर्षीय पूर्व प्रधान मंत्री और कारोबारी नवाज शरीफ चौथे कार्यकाल की तलाश में हैं। भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद वो विदेश में रह रहे थे और अब राजनीतिक वापसी करने जा रहे हैं। हालांकि अनुभवी शरीफ को पहली बार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बिलावल भुट्टो जरदारी (35) से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा, जो दिवंगत पूर्व नेता बेनजीर भुट्टो के बेटे हैं। लेकिन नवाज शरीफ का पलड़ा भारी है।
इमरान खान की पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर युवा मतदाताओं के बीच व्यापक लोकप्रियता है, जो उन्हें उन राजनीतिक परिवारों या सैन्य ताकत से अलग मानते हैं। द रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में एशिया-प्रशांत कार्यक्रम की एसोसिएट फेलो फरजाना शेख ने कहा- “पाकिस्तान में अतीत में संदिग्ध विश्वसनीयता वाले सर्वेक्षण हुए हैं। इस बार वे विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। ऐसी ‘चुनाव-पूर्व धांधली’ शायद ही कभी पहले हुई हो।”