नायडू प्रशासन ने जगन रेड्डी के पार्टी दफ्तर को, बुलडोजर से ध्वस्त किया

नायडू प्रशासन ने जगन रेड्डी के पार्टी दफ्तर को, बुलडोजर से ध्वस्त किया

आंध्र प्रदेश में राजनीतिक माहौल एक बार फिर गरमा गया है। हाल ही में, नायडू प्रशासन द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, के मुख्य दफ्तर को बुलडोजर लगाकर ध्वस्त कर दिया गया। इस घटना ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

यह घटना सोमवार सुबह की है जब नगर निगम के अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ मिलकर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के दफ्तर को ध्वस्त कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत की गई है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी का दफ्तर अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बना हुआ था और इसे हटाने के लिए कई नोटिस जारी किए गए थे, जिनका पालन नहीं किया गया।

इस घटना के बाद राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि यह कार्रवाई उनकी पार्टी को कमजोर करने की साजिश है और नायडू प्रशासन उनके खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “यह कार्रवाई पूरी तरह से अवैध और अलोकतांत्रिक है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और कानूनी लड़ाई लड़ेगे।”

नायडू प्रशासन का पक्ष
दूसरी ओर, नायडू प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह कार्रवाई कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए की गई है। अधिकारियों का कहना है कि अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान किसी एक पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे राज्य में चलाया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस कार्रवाई का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है और यह पूरी तरह से नियमानुसार है।

जनता की प्रतिक्रिया
इस घटना ने आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बना दिया है। लोग इस मुद्दे पर विभाजित नजर आ रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यदि दफ्तर वाकई में अवैध था, तो उसे हटाना सही कदम है, जबकि अन्य लोग इसे राजनीतिक प्रतिशोध मानते हैं।

आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के दफ्तर को ध्वस्त करने की यह घटना राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ले आई है। दोनों पक्ष अपने-अपने दावों पर अड़े हुए हैं और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी विवाद बढ़ने की संभावना है। जहां एक ओर नायडू प्रशासन इसे कानूनी कार्रवाई बता रहा है, वहीं दूसरी ओर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी इसे राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles