मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य संगठनों की चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य संगठनों की चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और आंध्र प्रदेश से जुड़े मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने आज राज्य के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से हैदराबाद में मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक का उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा करना था, जो देशभर के मुस्लिम समुदाय के बीच चिंता का विषय बना हुआ है। इस बिल को लेकर मुस्लिम संगठनों की ओर से व्यापक असंतोष जताया जा रहा है, क्योंकि उनके अनुसार यह बिल वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता और उनकी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आंध्र प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एन. मोहम्मद फारूक और विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष अहमद शरीफ ने किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष वक्फ संशोधन बिल की खामियों और इसके संभावित नकारात्मक प्रभावों को विस्तार से रखा। उनका कहना था कि यह बिल मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों के प्रबंधन में गंभीर बाधाएं उत्पन्न करेगा और वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता को खत्म कर देगा।

प्रतिनिधियों ने कहा कि वर्तमान वक्फ कानून में जो भी संशोधन प्रस्तावित हैं, वे वक्फ संपत्तियों की रक्षा करने की बजाए उनके विनाश का कारण बन सकते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित 40 से अधिक संशोधनों पर विशेष रूप से आपत्ति जताई और कहा कि इन संशोधनों के जरिए वक्फ बोर्डों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है, जिससे इन संपत्तियों पर कब्जा करने या उन्हें गैर-इस्लामी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने का खतरा बढ़ सकता है।

मुस्लिम नेताओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस बिल के खिलाफ देशभर में मुसलमानों में भारी असंतोष और बेचैनी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा वक्फ कानून को बनाए रखा जाना चाहिए और उसमें कोई भी संशोधन अस्वीकार्य है। उन्होंने चंद्रबाबू नायडू से आग्रह किया कि वे अपनी पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के सांसदों को निर्देश दें कि वे संसद में इस बिल का विरोध करें और अल्पसंख्यक समुदाय के हितों की रक्षा करें।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे का गहन अध्ययन करेंगे और उचित निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि तेलुगू देशम पार्टी हमेशा अल्पसंख्यकों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है और पार्टी धर्मनिरपेक्षता में अटूट विश्वास रखती है। उन्होंने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि उनकी पार्टी वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा के लिए कोई भी आवश्यक कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी।

चंद्रबाबू नायडू को इस दौरान एक विस्तृत ज्ञापन भी सौंपा गया, जिसमें वक्फ संशोधन बिल की सभी खामियों और उन पर मुसलमानों की आपत्तियों का विस्तार से उल्लेख किया गया था। यह ज्ञापन केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए तैयार किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस संशोधन बिल को वापस लिया जाए या इसे संसद में पारित न होने दिया जाए।

यह बैठक मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वक्फ संपत्तियां इस्लामी संस्थानों, मस्जिदों और अन्य सामाजिक सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए, वक्फ कानून में किसी भी प्रकार का संशोधन मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सांस्कृतिक ढांचे पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है। इस बैठक से यह भी संकेत मिला है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी आंदोलन और विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं।

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